पटना। अलग- अलग नस्ल क पक्षी क चटख रंग आ चहचह झुंड आब बनत देशी- विदेशी सैलानी कए नजरि राज्य दिस मोड़बाक नव जरिया। एहि कार्य क लेल बर्ड टूरिज्म क रोडमैप बाकायदा तैयार अछि, जाहि पर गप करबा लेल अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणविद् डॉ असद रहमानी पटना एलथि अछि। प्रदेश मे एखन छहटा पक्षी अभयारण्य अछि आ एकर अलावा कईटा अन्य स्थान पर सेहो देशी आ प्रवासी पक्षी पैघ तादाद मे दिखाई दैत अछि।
बंबई नेचरल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस) क निदेशक आ बर्ड लाइफ इंटरनेशनल क एशिया प्रमुख डॉ रहमानी राज्य क वरिष्ठ वन अधिकारी आ पर्यटन विभाग क अफसर क संग संजय गांधी जैविक उद्यान मे एहि मामला पर विचार- विमर्श केलथि। एहि मौका पर इंडियन बर्ड कन्जर्वेशन नेटवर्क(आईबीसीएन) क सदस्य सेहो मौजूद छलथि। बैठक पक्षी अभयारण्य कए पर्यटन स्थल क रूप मे विकसित करबाक रणनीति बनाउल। संगहि ओहि स्थान कए अन्य देश क अनुरूप पर्यटक क मनमुताबिक बनेबाक लेल खाका तैयार कैल गेल। प्रदेश मे एखन बेगूसराय मे कांवर झील, दरभंगा मे कुशेश्वर स्थान, जमुई मे नागी आ नकटी, वैशाली मे बरैला झील आ पश्चिम चंपारण मे सरैयामान जइसन छहटा घोषित पक्षी अभयारण्य अछि। एकर अलावा कटिहार क गोगा बिल, अररिया क कजरा धार, नालंदा क गिद्धी तालाब, किशनगंज क कच्छूदाह झील, भागलपुर क जगतपुर आ डाल्फिन अभ्यारण मे पैघ संख्या मे पक्षी अबैत अछि।
आईबीसीएन क सर्वे क मुताबिक प्रदेश मे करीब 350 प्रजाति क लोकल पक्षी क अलावा लगभग 125 किस्म क प्रवासी पक्षी देखल गेल अछि। आईबीसीएन क बिहार-झारखंड क संयोजक अरविंद मिश्र क मुताबिक बर्ड टूरिज्म कए बढ़ावा देला स पक्षीक भ रहल अंधाधुंध शिकार पर सेहो रोक लगत। डॉ रहमानी क संग बीएनएचएस क एडवोकेसी अफसर अमृता नीलकंठन सेहो बिहार एलथि अछि। इ पर्यावरणविद् 19 कए कांवर झील, 20 कए कोसी दियारा आ 21 कए भागलपुर क विक्रमशिला डाल्फिन अभयारण्य क निरीक्षण करतथि आ भागलपुर मे मंदार नेचर क्लब क 20 वर्ष पूरा भेला पर आयोजित कार्यक्रम मे भाग लेतथि।