ज्योत्सना मिश्रा
पटना। बिहार सँ विदेश में नौकरीक लेल जाय वला लोकक मेडिकल जांच करबाक लेल दिल्ली, यूपी आ कोलकाता सहित आन दोसर राज्य में जाय पड़ैत अछि। एहि ठाम हुनका सबके दलाल सबके चक्कर में पड़ि क हजारों रूपया खर्च करय परय छनि। लेकिन आब हिनकर सब के पटने में मेडिकल जांच भ जायत, एहि काजक लेल विदेश मंत्रालयक पटना स्थित बिहार-झारखंड इमीग्रेंटस कार्यालय बिहार के निजी अस्पताल सबसँ बातचीत कयलक अछि, जहिसऽ मार्च तक मेडिकल जांच के सुविधा सब लोक के पटनेमें भ जायत।
एहिके लेल एक सप्ताह तक रहय परय छल बाहर : जांच के नाम पर लोग सब के दोसर राज्य सबमें जाय पड़य छल। एहिके लेल लोक के दोसर राज्य में एक सप्ताह सँ बेसी जाकय रहय पड़य छल। अय काज में हुनका सब के एजेंट के सेहो अलग स पाई देबय पड़य छल आ बेसी दलाल सब तँ लोकक मेडिकल जांच करबाक नाम पर पाई सेहो ठकि लै छलाह।
तीन अस्पताल के कार्यालय के मिलत आवेदन : इमीग्रेंटस कार्यालय मेडिकल जांच के लेल बहुत रास निजी अस्पतालक संगे बातचीत सुरू कयने छल, जहिके बाद पारस, राजेश्वर, मेडिपार्क सब सहमति जतेलक अछि। ऐकर बाद आगूक कार्रवाई सुरू कयल गेल अछि।
पछिला पांच वर्ष में 18 देश में गेल लोकक आंकड़ा एहि प्रकार अछि
2016 76385
2017 69426
2018 59181
2019 55423
2020 13174
बिहार-झारखंड के प्रोटेक्टर ऑफ इमीग्रेंटस ताविशी बहल पांडेय कहलथि कि देश सँ बाहर नौकरी के लेल जाय वाला लोकक मेडिकल जांच अनिवार्य अछि, लेकिन एखन एकर सुविधा बिहार में नहि अछि। ऐना में लोक के यूपी, कोलकाता जाय पड़ैत अछि आर एहिके एवज में हजारों खर्च करय पड़ैत अछि। लेकिन आब बहुत जल्द ई जांचक सुविधा पटना में सुरू भय जायत।