पटना। उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी कहला जे उर्दू भाषा क संरक्षण आ विकास क लेल राष्ट्रीय आन्दोलन क जरुरत अछि आ एकर जिम्मेवारी खासकए हुनका पर अछि जे एकरा अपन मातृभाषा बुझैत छथि। खुदाबख्श ओरिएन्टल पब्लिक लाइब्रेरी क संस्थापक खान बहादुर खुदाबख्श क 100म पुण्य तिथि क अवसर पर पटना मे आयोजित एकटा कार्यक्रम क दौरान एकटा स्मृति व्याख्यान दैत उपराष्ट्रपति कहला जे देश क प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू वर्ष 1954 मे कई राज्य क मुख्यमंत्री स उर्दू भाषा क उपेक्षा क संबंध मे चिंता व्यक्त केने छलाह। ओ कहला जे लगभग 55 वर्ष बाद सेहो स्थिति मे कोनो खास बदलाव नहीं आयल अछि आ उर्दू भाषा आइ सेहो सेहो उपेक्षित अछि। उपराष्ट्रपति कहला जे उर्दू क संरक्षण आ विकास क लेल राष्ट्रीय स्तर पर दृढ राजनीतिक इच्छाशक्ति क संग आन्दोलन चलेबाक जरूरत अछि। अंसारी कहला जे देश मे सबहक लेल समान आचार संहिता तैयार करबाक गप होइत अछि, मुदा उच्चतम न्यायालय कहलक अछि जे विभिन्न संप्रदाय क लेल एक झटका मे बिना गहराई स सोचने आचार संहिता तैयार करबाक काज देश क एकता आ अखंडता क लेल सही नहि अछि। ओ कहला जे मुस्लिम पर्सनल ला मे सेहो सुधार अनबाक बात होइत अछि, मुदा एहि पर भेल बहस स सिर्फ माहौल मे गर्मी पैदा भेल आ मुददा कए तर्कसंगत तरीका स आगू नहि बढाउल जा सके।