सरिता सुमन
दिल्ली मे अपन सरकार हेबाक फायदा बिहार कए कहियो नहि भेटल, मुदा आब दिल्ली मे अपन सरकारक मतलब बिहार कए बुझबा मे आबि रहल अछि। नरसिंह राव प्रधानमंत्री बनलाह त आंध्र क विकास चरम पर पहुंच गेल। गुजराल चाहे पटना स चुनाव लडथि, मुदा प्रधानमंत्री बनलाह त पंजाब कए 13 हजार करोड माफ क देलथि। चिदंबरम वित्तमंत्री रहैत कोनो फाइल ता धरि नहि देखैत छलाह जा धरि ओहि मे हुनक गृह राज्य लेल कोनो योजना नहि रहैत छल। आइ समय बंगालक अछि। प्रणब दा वित्तमंत्री छथि आ ममता स सरकार अछि। एहन मे बिहार कए नजरअंदाज करब कोनो नव गप नहि अछि, फर्क बस एतबा अछि जे बिहार आब एहि दिस देखबा योग्य भ गेल अछि। बुझअ लागल अछि त टीस सेहो हुअ लागल अछि।
ताजा मामला पिछडल इलाका लेल देल गेल राशिक अछि। दिल्ली हाल मे बैकवर्ड रीजन ग्रांट क तहत पश्चिम बंगाल कए 8750 करोड़ टका देलक अछि, जखन कि बिहार एक एहि मद मे केवल 1486 करोड़ देल गेल अछि। सवाल इ नहि अछि जे बंगाल कए एतबा किया भेटल। बंगाल कए जरूरत अछि, मुदा जाहि आधार पर बंगाल कए भेटल ओ आधार बिहार लेल किया नहि अपनाउल गेल। की बिहार भारत बेमातर संतान छी। जदयू एहि पर आपत्ति दर्ज करा चुकल अछि। कांग्रेस कए दिल्लीक विरोध करबाक आदत नहि अछि। राजद आ लोजपा कए शब्दकोष मे बिहार शब्द कहियो नहि आयल। ताहि लेल लालू या पासवान कए एहि मे कोनो गलत नहि लागि रहल अछि। भाजपा जदयू क भरोसे बिहार कए देखबाक आदत ध लेने अछि। सवाल उठैत अछि जे जदयू क सवाल कोनो पार्टी क सवाल किया मानल जाए, एकरा आन राज्य जेकां राज्यक सवाल किया नहि बुझल जा रहल अछि। जदयू विधायक राजीव रंजन आपत्ति पूरा बिहारक आपत्ति हेबाक चाही।
बिहार क संग इ अन्याय कहिया धरि होइत रहत। एहि दोहरी नीति क आधार की अछि। पश्चिम बंगाल क 19टा जिला में 11टा जिला बैकवर्ड रीजन फंड क तहत अबैत अछि। एहि जिलाक आबादी 4.46 करोड़ अछि। पश्चिम बंगाल कए प्रति व्यक्ति 1799 टकाक हिसाब स सहायता राशि भेटल अछि। जखन कि बिहार में सिवान जिला कए छोडि कए सबटा जिला एहि फंड क दायरा मे अबैत अछि। एहि जिला क जनसंख्या 10 करोड़ चार लाख अछि। मुदा बिहार कए केवल 1486 करोड़ टका देल गेल अछि। अगर पश्चिम बंगाल कए आधार मानल जाए त बिहार कए 18076 करोड़ टका बनैत अछि। इ दुखद अछि जे हमर एखन धरि बिहार लेल नहि सोचि रहल छथि। बिहार क मसला कोनो खास पार्टी स जुडि जाइत अछि। पहिने कांग्रेस क मुख्यमंत्री अपन कुर्सी बचेबा लेल दिल्लीक फैसलाक विरोध नहि करैत छलाह। ओकर बाद बिहार जातिवाद मे हेरा गेल। जाति आ धर्म स बाहर आयल आजुक बिहार विकास क दलान पर अपना कए पिछडल त मानैत अछि मुदा ओहि स बेसी दुखद इ अछि जे दिल्ली क फैसला कए विरोध केनिहार खाटी बिहारी नेताक एखनो घोर अभाव अछि। आजादीक बाद जतय आन प्रदेश कए समय समय पर अतिरिक्त सहायता भेटल, बिहार अपन हक लेल संघर्ष करि रहल अछि।
We demand resignation of Nitish Kumar for his failure to get funds for Bihar from Central government!
As a CM, he has failed to influence Central government to obtain fair share of funds for Bihar in his tenure of three terms. For this reason, he should resign from CM post. He is inefficient when it comes to dealing with Delhi and unable to represent Bihar.
We also appeal Bihar government to bring series of law suits against Central government for all the injustices it has done against Bihar. We do not need alms(Viksha) from Center but our lawful proper share of funds from Center. There has to be a common yard stick when allocating funds to different states under different schemes. All uncommon yardsticks for delivery of funds to states must be challenged in the Supreme Court of India.
If you look at strongest democracy of the world, USA, you wlll find that law suits agains Center and States are used as a tool to keep government in check. Federal and State government pay heavy fines on top of damage, when found guilty of irregularity. All injustices of any type are challenged in court by either by individuals, NGOs, Private companies, states or local governments.
We have to do the same thing in India. Why are we sitting on fence? Do we not have any lawyer son/daughter from Bihar in Delhi, who can represent Bihar state and can drag our corrupt PM and his other corrupt Ministers in Supreme Court?