कटिहार। हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है, जिस तरफ भी चल पड़ेंगे रास्ता बन जाएगा। बशीर बद्र क शेर कए चरितार्थ करि रहल अछि कामायिनी आ हुनकर पति आशीष। अदम्य् साहस आ दोसर लेल जीबै क उत्कंठा लेल अमेरिका स नौकरी छोडि़ कोसी आ सीमाचंल मे मजदूर, शोषित क बीच अलख जगा रहल एहि दंपति कए सरकारी सहायता क प्रति रुचि नहि अछि। ओ चाहैत अछि जे हुनका द्वारा चलाउल जा रहल अभियान स बिहार क मजदूर, दलित क मुंह पर सेहो मुस्कान आबै आ वो अपन अधिकार क प्रयोग करि सकै। उत्तरप्रदेश क मेरठ क रहै वाली कामायनी स्वामी आ सहरसा जिला क सोनबरसा क रहनिहार आशीष रंजन पति-पत्नी छथि। आशीष रंजन आईआईटी खडग़पुर स बीटेक करि अमेरिका क एकटा कंपनी मे कार्यरत छलाह, जखन कि हुनकर कनिया दिल्ली क लेडी श्रीराम कॉलेज स एमए छथि। एकर अलावा टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सांइस मुंबई क स्टूडेंट रहल छथि। कटिहार क मनसाही प्रखंड क गाम मे नरेगा, सूचना अधिकार, सरकारी योजना आदि कए ल कए जनजागरण अभियान चला रहल कामायनी कहलथि जे ओ वर्ष 1996 मे मजदूर किसान शक्ति संगठन, श्रमिक आदिवासी संगठन मध्य प्रदेश स जुडि़ कए समाज सेवा करि रहल छथि। वर्ष 2003 मे ब्याह क बाद अपन पति संग अमेरिका चलि गेलीह, मुदा सासुर बिहार क सुदूर इलाका मे रहै आ ओहि ठाम क रहन-सहन देखलाक बाद हुनका जागरूक बनेबाक उत्कंठा पैदा भेल आ पति संग वर्ष 2005 मे अमेरिका क नौकरी छोडि़ कए बिहार लौट एलहुं। कामायनी कहलथि जे अररिया जिला स ओ अपन अभियान क शुरुआत केलथि आ एहि मे काफी सफलता भेटल। दंपती अररिया समेत सीमांचल आ कोसी क इलाके मे जनजागरण अभियान क माध्यम स लोक कए हुनकर अधिकार, सरकार द्वारा प्रदत्त सुविधा क बारे मे जानकारी द कए हुनका आगू आबै लेल कहैत छी। हुनकर इ अभियान क नतीजा भेल जे पिछला दिन कटिहार जिला क मनसाही क लोक प्रखंड कार्यालय पर जॉब कार्ड बनेबा आ अधिकार क लेल धरना देलक आ हुनका अधिकारी स कार्रवाई क आश्वासन सेहो भेटल।
आशीष, जे बीआईटी पटना मे क्लास लेबैत छथि, ओ कहलथि जे नर्मदा बचाओ आंदोलन क मेधा पाटेकर आ अन्य लोक क अदम्य साहस कए देखि कए पत्नी क संग देबाक लेल विदेश क नौकरी कए तिलांजलि द कए एहि ठाम पहुंचल छथि।
हुनकर मंशा अछि जे कोसी आ सीमांचल क इलाका नहि, बल्कि बिहार क लोक क तरक्की भ सकै। दबा-कुचला कए सेहो हुनकर अधिकार भेट सकै। हो कहलथि जे एहि मे हुनका अन्य संगठन क सेहो सहयोग भेट रहल अछि। युवा दंपती क इ जज्बा कए सब सलाम करि रहल अछि।
Aashish aa Kaamyani aha dunu gote ke Bahut Bahut dhanybad ahak prasansa karwak lel hamra lel “Sabad” nahi achhi tahi dware etawa par viram day rahal chhi