• मुखपृष्ठ
  • ईपेपर
  • संपर्क
Esamaad
  • समाचार
  • समाद विशेष
  • चित्रालय
  • विचार
  • संपादकीय
  • देश-दुनिया
  • फीचर
  • साक्षात्‍कार
  • खेल
  • तकनीक
No Result
View All Result
  • समाचार
  • समाद विशेष
  • चित्रालय
  • विचार
  • संपादकीय
  • देश-दुनिया
  • फीचर
  • साक्षात्‍कार
  • खेल
  • तकनीक
No Result
View All Result
Esamaad
Home फीचर

रेणु क दुनिया- जेकर बिना हमसब आधे छी..

April 11, 2010
in फीचर
A A
0
SHARES
Share on FacebookShare on Twitter

रेणुक पुण्यतिथि 11 अप्रैल, 1977 पर पत्रकार गिरिंद्र नाथ झाक विशेष आलेख

‘कई बार चाहा कि, त्रिलोचन से पूछूँ- आप कभी पूर्णिया जिला की ओर किसी भी हैसियत से, किसी कबिराहा-मठ पर गये हैं? किन्तु पूछकर इस भरम को दूर नहीं करना चाहता हूं। इसलिए, जब त्रिलोचन से मिलता हूं, हाथ जोड़कर, मन ही मन कहता हूं- सा-हे-ब ! बं-द-गी !!- फणीश्वर नाथ रेणु

‘आंखों को वीजा नहीं लगता, सपनों की सरहद नहीं होती, बंद आखों से रोज मैं सरहद पार चला जाता हूं मिलने मेंहदी हसन से।’ – गुलजार

रेणु आ गुलजार, दूनू कए पढ़ैत काल मन परत दर परत खुलए लगैत अछि। हमरा लेल मेरे दूनू शबद-योगी छथि। गुलजार जतए आंखि कए वीजा नहि लगैत..बता रहल छथि, ओतहि रेणु अपन जिला मे रहिकए सेहो दुनिया क गप बता रहल छथि। यहे खासियत अछि दूनू शबद योगी क। दूनू गोटे सीमा कए तोड़ब सीखबैत छथि।

साहित्य क करीब सबटा विधा मे बराबर कलम चलौनिहार रेणु आजुक दिन अर्थात 11 अप्रैल, 1977 कए अनंत क दिस कूच करि गेलाह। ओ भले 33 वर्ष पहिने हमरा सबस दूर चल गेला, मुदा अपन तमाम कृति क कारण ओ आइ सेहो हमरा लेल जीवंत छथि।

मैला आंचल, परती परिकथा, रसप्रिया तीसरी कसम, पंचलाइट जइसन रचना कखन हमर भीतर जा बैसल, हमरा पता नहि चलल। ठीक गुलजार क रूमानियत क भांति, कोल्ड कॉफी क फेन क भांति। रेणु क दुनिया हमरा प्रशांत (मैला आंचल क पात्र) क गहीर मानवीय बेचैनी स जोड़ैत अछि, हीरामन (तीसरी कसम क पात्र) क सहज, आत्मीय आकुलता स जोड़ैत अछि। ओ हमरा एहन राग, रंग, जीवन क सच्चाई स जोड़ैत अछि, जेकर बिना हमरा लेल इ दुनिया  अधूरे अछि। अधूरे हम रहि जाइत छी, अधूरे हमर ख्वाब रहि जाइत अछि।

दोसरसमाचार

मिथिला क धरती पर भेल छल होलिका क दहन

मिथिला क धरती पर भेल छल होलिका क दहन

March 11, 2021
New Maithili Poem, Samtal Prakash, Maithili Poem, Bihar, Bihar news, Bihar Khabar, Bihar Hindi news, Bihar lettest news, Bihar khabar, Bihar hindi news,

साहित्य समाद – समटल प्रकाश

January 5, 2021

गयाक अलावा 55 तीर्थस्थल अछि पिंडदानक लेल शुभ

September 2, 2020
मिथिला’क मखान या बिहार’क जी आई टैग बला मखान?

मिथिला’क मखान या बिहार’क जी आई टैग बला मखान?

August 27, 2020

रेणु क दुनिया मे जतए प्रशांत अछि त ओतहि जित्तन सेहो अछि। ठीक गुलजार क चांद क भांति। परती परिकथा क जित्तन ट्रैक्टर स परती तोड़ैत अछि, रेणु असल जिनगी मे कलम स जमीन क सख्ती तोड़ैत छथि। प्राणपुर मे जित्तन परती कए अपन कैमरा क कीमती आंखि स देखि रहल अछि। किसान क लग मे एतबा कीमती आंखि त नहि अछि, मुदा ओकर अपने आंखि काफी किछु देखि लैत अछि। इ किसान आर कियो नहि अपन रेणु छथि।

रेणु क जड़ दूर तक गाम क जिनगी मे पैइसल अछि। ठीक अंगना क चापाकल पर जमल काई (हरियर रंग क, जाहि पर पैर रखैत देरी हम फिसलि जाइत छी..) क भांति। ओ कखनो-कखनो शहर मे सेहो हमरा गाम क आभास करा दैत छथि। । हुनकर मानब छल जे ग्राम समुदाय तथाकथित अपन निरीहता क बावजूद विचित्र शक्ति क उत्सर्जन केलक अछि। ओ संथाली गीत क जरिए कईटा गप कही दैत छलाह। ओ एकटा संथाली गीत क जरिए कहला, जिदन संकु-संगेन , इमिन रेयो-लं सलय-एला। (सुख क जीवन क लेल, एहि ठाम आउ, एहि ठाम तकबाक अछि आ पेबाक अछि…)

रेणु रोज क आपाधापी क छोट-छोट ब्योरा स वातावरण गढ़बाककला जनैत छलाह। अपन ब्योरा, या कहि फिल्ड नोट्स कए ओ नाटकीय तफसील दैत छलाह, ठीक आहि समय मे ओ हमरा सहज आ आत्मीय लगए लगैत छथि।

येह कारण अछि जे ओ त्रिलोचन कए एहि प्रकार स स्मरण करैत छथि- कबीर को पढ़ते समय मेरा मन ‘भाई साधो’ का हो जाता है। फारसी के कवि जलालुद्दीन रूमी का मैंने नाम सुना ही है। अर्थात विद्वानों के लेखों में उद्धृत उनकी पंक्तियों के भावानुवाद को पढ़कर ही रोम-रोम बजने लगते हैं। बंगाल के प्रसिद्ध बाउल गायक लालन फकीर के गीतों को सुनते समय ‘देहातीत’ सुख का परस सा पाया है और त्रिलोचन के सॉनेट पढ़ते समय यह देह यंत्र ‘रामुरा झिं झिं’ बजने लगता है और तन्मय मन को लगता है।त्रिलोचन (जी) को देखते ही हर बार मेरे मन के ब्लैक बोर्ड पर, एक अगणितक असाहित्यिक तथा अवैज्ञानिक प्रश्न अपने-आप लिख जाता है- वह कौन-सी चीज है, जिसे त्रिलोचन में जोड़ देने पर वह शमशेर हो जाता है और घटा देने पर नागार्जुन……………
(‘स्थापना’ मे सितम्बर 1970 मे प्रकाशित ‘अपने-अपने त्रिलोचन’ स लेल गेल अंश)

रेणु क खासियत हुनकर रचना संसार अछि। ओ अपन पात्र आ परिवेश कए एकाकार करब जानैत छथि। रेणु सन महत्वपूर्ण कथाशिल्पी क पत्रकार होएब अपने आप मे एकटा रोचक प्रसंग अछि। ओ अपन रिपोतार्ज क जरिए हिंदी पत्रकारिता कए समृद्ध केलथि अछि। एकांकी क दृश्य पुस्तक मे हुनकर रिपोर्ज कए संकलित कैल गेल अछि। ओ बिहार क राजनीति, समाज-संस्कृति आदि कए लकए पत्रिका क लेल स्तंभ लेखन कैलथि।

चुनाव लीला- बिहारी तर्ज नाम स रेणु क एकटा रपट 17 फरवरी, 1967 कए प्रकाशित भेल छल। ओहि मे ओ लिखने छथि-  पत्र और पत्रकारों से कोई खुश नहीं है। न विरोधी दल के लोग और न क्रांगेसजन। एक पत्र को विरोधी दल की सभा में मुख्यमंत्री का पत्र कहा गया। और उसी पत्र के पत्रकार को मुख्यमंत्री के लेफ्टिनेंट ने धमकियां दीं। मुख्यमंत्री को शिकायत है कि पत्रकार उनके मुंह में अपनी बात पहना देते हैं। अ-राजनीतिक लोगों का कहना है कि चुनाव के समय पत्रकारों की पांचों ऊंगलियां घी में रहती हैं…।

रेणु कए एहि रूप मे पढ़ैत काल, जतए सबकिछु बेबाक लगैत अछि, हमरा गुलजार सेहो मन पड़ैए लगैत छथि। रेणु क ठेठ शब्द मे हेरा कए गुलजार स भेंट, एकटा अलग तरहकअनुभव अछि। गुलजार जखन इ कहैत छथि-
कुछ रिश्ते नाम के होते हैं/ रिश्ता वह अगर मर जाये भी/ बस नाम से जीना होता है/बस नाम से जीना होता है/रिश्ते बस रिश्ते होते हैं…।
एकर तुरंत बाद दोसर शबद योगी, सामने आबि जाइत छथि-..हम मने मन मे बुदबुदाइत छी- सा-हे-ब ! बं-द-गी!

Tags: Biharrenuरेणु
ShareTweetPin

Related Posts

मिथिला क धरती पर भेल छल होलिका क दहन

मिथिला क धरती पर भेल छल होलिका क दहन

March 11, 2021
New Maithili Poem, Samtal Prakash, Maithili Poem, Bihar, Bihar news, Bihar Khabar, Bihar Hindi news, Bihar lettest news, Bihar khabar, Bihar hindi news,

साहित्य समाद – समटल प्रकाश

January 5, 2021

गयाक अलावा 55 तीर्थस्थल अछि पिंडदानक लेल शुभ

September 2, 2020
मिथिला’क मखान या बिहार’क जी आई टैग बला मखान?

मिथिला’क मखान या बिहार’क जी आई टैग बला मखान?

August 27, 2020

ग्लोबल वार्मिंग स बचबाक अछि त मनाउ जुड़-शीतल

April 14, 2020
कविता: फैज अहमद फैजक ‘हमहीं ब्रह्म’ !

कविता: फैज अहमद फैजक ‘हमहीं ब्रह्म’ !

January 12, 2020
Next Post

चाणक्य क बिना चन्द्रगुप्त मौर्य क शासन अकल्पनीय

Esamaad Epaper Website

संविदा पर नियुक्त शिक्षक कए सेहो भेटत लोन

Esamaad Epaper Website

राति मे शॉपिंग लेल पटना तैयार

Comments 1

  1. चंदन कुमार झा says:
    13 years ago

    सुन्दर आलेख !!!
    सच मे रेणु क बिना हमर सबहक साहित्य आधा अछि ।

    ओ कालजयी रचनकार छला , हुनका कोटि-कोटि नमन ।

    Reply

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

टटका समाचार

मिथिला विकसित केलक एकटा आओर आमक प्रजाति, पातर छिलका, छोट सन गुठली आ स्वाद लाजबाव, नाम बुझबा लेल पढू समाचार

UNLOCK भेल BIHAR, मुदा जुलाई तक नहि खुलत स्कू्ल, देखू नबका गाइडलाइन

दरभंगा मे बाढ़ देलक दस्तक, कमला बलान मे उफान, आधा दर्जन पंचायत कए मुख्यालय स संपर्क भंग

बिहार मे 8 कए खत्म भ सकैत अछि लॉकडाउन, मुदा इ बंदिश रहत जारी

बोल बम…मोदीक जन्मदिन पर देवघर कए भेटत “खास सनेस”, बाबा नगरी लेल सफल भेल सांसद निशिकांतक भगिरथ प्रयास

Darbhanga Airport पर आब शुरू भेल ‘Price War’, Spicejet स कम छै IndiGo क किराया

की 2015 स सस्त रहल 2020 क चुनाव? सबस बेसी टका जमा केलक JDU, सबस बेसी खर्च केलक BJP, हिसाबे नहि देलक RJD

कोरोना क तेसर लहर लेल केतबा तैयार अछि बिहार, पढ़ू सरकार की बतेलक हाइकोर्ट कए

कोरोना स लड़बा मे आत्मनिर्भर भेल मिथिलाक प्रसिद्ध गाम सरिसब, शुरू केलक ‘सेल्फ सफ़िशिएंट सेंटर’

बेसी पढ़ल गेल

गाँधी सेतु नहि आब पीपा पुल स करू गंगा पार

by संपादक
February 18, 2017
0

Read more

सर्वाधिकार सुरक्षित। इसमाद डॉट कॉम मे प्रकाशित सभटा रचना आ आर्काइवक सर्वाधिकार रचनाकार आ संग्रहकर्त्ता लग सुरक्षित अछि। रचना क अनुवाद आ पुन: प्रकाशन वा आर्काइव क उपयोग लेल इ-समाद डॉट कॉम प्रबंधन क अनुमति आवश्यक। प्रबंधक- छवि झा, संपादक- कुमुद सिंह, राजनीतिक संपादक- प्रीतिलता मल्लिक, समाचार संपादक- नीलू कुमारी। वेवसाइट क डिजाइन आ संचालन - जया झा।

हमरा स संपर्क: esamaad@gmail.com

  • मुखपृष्ठ
  • ईपेपर
  • संपर्क

सर्वाधिकार सुरक्षित © 2007-2019 | esamaad.com

No Result
View All Result
  • समाचार
  • समाद विशेष
  • चित्रालय
  • विचार
  • संपादकीय
  • देश-दुनिया
  • फीचर
  • साक्षात्‍कार
  • खेल
  • तकनीक

सर्वाधिकार सुरक्षित © 2007-2019 | esamaad.com

error: कॉपी डिसेबल अछि