पटना। मिथिला मे होलिका दहन कए सम्मत कहल जाइत अछि। आइ पूरा देश मे होलिका दहन होएत। मुदा जाहि ठाम होलिका क दहन भेल अछि आ हुनकर समाधि अछि ओ स्थान क बारे मे लोक कए कम बुझल अछि। पूर्णिया जिला क बनमनखी प्रखंड क सिकलीगढ़ मे एखनो ओ स्थान विराजमान अछि जतए होलिका प्रहलाद कए अपन गोद मे लकए चिता पर बैसल छलीह आ भगवान नरसिंह क कारण प्रहलाद त बचि गेलाह मुदा होलिका क दाह भ गेल।
पौराणिक कथा आओर किंवदंति क मुताबिक हिरण्यकश्यप क किला मे भक्त प्रहलाद क रक्षा क लेल एकटा खम्भा स भगवान नरसिंह क अवतार भेल छल। भगवान नरसिंह क अवतार स जुड़ल खम्भा (माणिक्य स्तम्भ) क एकटा छोट सन भाग एखनो एहि ठाम मौजूद अछि। कहल जाइत अछि जे एहि स्तम्भ कए कई बेर तोड़बाक प्रयास भ चुकल अछि मुदा इ टूटल नहि।
हिन्दु क धार्मिक पत्रिका कल्याण क 31म वर्ष क विशेषांक मे सेहो सिकलीगढ़ क विशेष तौर पर विवरण देल गेल अछि एहि पत्रिका मे एकरा प्रहलाद क भूमि आ नरसिंह भगवान क अवतार स्थल बताउल गेल अछि।
वर्तमान मे कटिहार क्षेत्र क उप विकास आयुक्त आ बनमनखी अनुमंडल क अनुमंडल पदाधिकारी रहल केशवर सिंह क कहब अछि जे एकर कईटा प्रमाणिकता सेहो अछि। ओ कहला अछि जे एहि ठाम एकटा हिरन नामक नदी बहैत अछि। किछु साल पहिने तक नरसिंह स्तम्भ मे जे छेद अछि ओहि मे पाथर देबा पर ओ पाथर हिरन नदी में पहुंच जाइत छल।
एहि स्थान पर भीमेश्वर महादेव क विशाल मंदिर अछि। मान्यता अछि जे हिरण्यकश्यप एहि ठाम बैस कए पूजा करैत छलाह। मान्यता कए मानि त हिरण्यकश्यप क भाई हिरण्यकच्छ बराह क्षेत्र क राजा छलाह, जे आब नेपाल मे पड़ैत अछि।
प्रहलाद स्तम्भ क सेवा क लेल बनाउल गेल प्रहलाद स्तम्भ विकास ट्रस्ट क अध्यक्ष बद्री प्रसाद शाह कहैत छथि जे एहि ठाम शुरू स साधु क जमावड़ा रहल अछि। ओ कहला जे माणिक्य स्तम्भ स्थल क बारे मे भागवत पुराण (सप्तम स्कंध क अष्टम अध्याय) मे जिक्र अछि जे एहि खम्भा स भगवान विष्णु नरसिंह अवतार लकए भक्त प्रहलाद क रक्षा केने छलाह।
एहि स्थल क विशेषता अछि जे एहि ठाम राख आ माइट अर्थात मिट्टी स होली खेलाइल जाइत अछि। ट्रस्ट क सचिव राकेश कुमार कहला जे जखन होलिका जरि गेल रहथि आ प्रहलाद चिता स सकुशल वापस आबि गेल छलाह तखन लोक राख आ माइट एक-दोसर पर लगा-लगाकए खुशी मनेने छल आ तहिए स इ परंपरा एहि ठाम शुरू भेल जे आइ धरि कायम अछि।
ओ कहला जे एहि अवसर पर एहि ठाम करीब 40 स 50 हजार लोक सब साल अबैत अछि आ जमिकए राख आ माइट स होली खेलाइत अछि। आइ सेहो मिथिला क लोग रंग क बजाए राख आ माइट स होली खेलब शुभ मानैत छथि।
महान संत महर्षि मेंही दास क पैतृक निवास स्थान सेहो एहि ठाम अछि। एहि क्षेत्र मे मुसहर जाति क बहुलता अछि। जनश्रुति क मुताबिक एहि क्षेत्र क मुसहर प्रारम्भ स ईश्वर आ साधु क सेवा करैत रहल अछि, एहि कारण स एहि क्षेत्र मे मुसहर लोक क उपनाम ऋषिदेव होइत अछि।
Bahut neek jankari bhetal, dhanyabaad.
kosis karab je ak ber jarur sakligarh jayab.
वाह रे Modern मैथिल !!
राहुल मोदीक तु रोज पूजईत छ ।
नितीश लालू के जय जय करईत छ ॥
परदेसी भाषा बाजईत गर्व करईत छ ।
अंग्रेजी हिन्दी में तु तर्क करईत छ ॥
अपने अपमान तु कतेक करबऽ ।
आब नञि तऽ कहिया सुधरबऽ ॥
मैथिल छी तऽ मैथिली बाजैत केहन लाज !!
hamar loknik ke ie jankari naie chhella bahut bahut dhanyabaad
Jai Mithla