पटना। हीरा तराशबाक काज आब बिहार मे सेहो होएत। देखल जाए त आइटी क बाद एहि क्षेत्र मे सेहो बिहारी कामगार क प्रमुखता अछि। एहन मे लागत कम करबा लेल हीरा व्यापारी बिहार दिस आबि रहल छथि। देश मे भ रहल बिहारी मजदूर संकट स निपटबा लेल आब पैघ कंपनी सब बिहार मे कारखाना लगेबा पर गंभीरता स विचार शुरू करि देलक अछि। कंपनी लेल आब बिहार मे कारखाना एकटा लाभदायक फैसला भेल जा रहल अछि। पांचटा देश में हीरा कारोबार करि रहल श्रेनुज प्राइवेट लिमिटेड क सालाना टर्नओवर लगभग 2400 करोड़ अछि। इ कंपनी अपन हीरा तराशबाक कारखाना बिहार मे लगेबा लेल प्रयास क रहल अछि। ओ इ कारखाना पटना क फतुहा में लगेबाक प्रस्ताव सरकार लग देलक अछि। कंपनीक अनुसार ओ एहि ठाम हीरा कटिंग, पॉलिशिंग आ फिनिशिंग क काज करत। कंपनी क संचालक आर कोठारी क अनुसार एहि संबंध में उद्योग विभाग क प्रधान सचिव सीके मिश्र स हुनकर भेंट भ चुकल अछि। कोठारी कहला जे फैक्टरी लेल हुनका केवल ढाई स तीन एकड़ जमीन आ पर्याप्त बिजली क जरूरत अछि। कोठारी कहला जे हुनक कंपनी बिहार में 500 स 1000 करोड़ तक निवेश करत। फिलहाल एहि कंपनी क महाराष्ट्र में दो दूटा आ मुंबई में तीन टा कारखाना अछि।
बिहार मे कारखाना लगेबाक संबंध मे कोठारी कहला जे सूरत आ महाराष्ट्र क हीरा कारोबार स जुड़े बिहार क 60 फीसदी स अधिक कारीगर कए अपन घर में काज भेटत। भारत सरकार कए सबस बेसी राजस्व देनिहार हीरा कारोबार कए राज्य मे शुरू भेला स राज्य सरकार कए सेहो आर्थिक लाभ होएत। हीरा कटिंग लेल प्रशिक्षित श्रमिक क उपलब्धता पर कंपनी क स्थानीय आइटीआइ स करार करबाक योजना अछि। एहि स स्थानीय युवक कए रोजगार भेटत।
बिहार क छविक क संबंध मे कोठारी कहला जे दो वर्ष पूर्व ओ परिवार क संग जैन तीर्थ स्थल पावापुरी आयल छलाह। जल मंदिर में पूजा-प्रार्थना करैत करैत राति 12 बाजि गेल छल। होटल लौटबाक कोनो साधन नहि छल। एकटा स्थानीय व्यक्ति कोनो रिक्शावाला मंगा देलक, मुदा भरोस नहि भ रहल छल। आखिरकार ओ सज्जन रिक्शावाला कए भाड़ा नहि लेबाक गप कहलाह। होटल पहुंचलाक बाद चैन आयल। रिक्शावाला कए भाड़ा देबा लेल काफी प्रयास करै पडल, ओ नहि लैत छल। बिहार प्रति हमर धारणा एकटा एहि घटना स बदली गेल। एहन भाईचारे क भावना हमरा दुनिया मे कतहु नहि भेटल।