भारतक सबस युवा सांसद, संविधान सभाक सदस्य आ मिथिलाक आखरी महाराजा डॉ सर कामेश्वर सिंह क आइ 101म जन्मदिन छी। 14 आ कंपनीक मालिक महाराज कामेश्वर सिंह भारत पहिल जमींदार छलाह, जे 1932 मे भारत मे लोकतंत्रक आहट सुनि अपना कए जमींदार स उद्योगपति क रूप मे बदलबाक प्रयास शुरू केलथि। ओ राउंड टेबुल कान्फ्रेंस मे कहने छलाह जे भारत आजादीक दुहारि पर ठार अछि आ आहि ठाम जमींदारी अंतिम सांस ल रहल अछि। एहन दूरदृष्टिï वाला नेता कए आइ सब बिसरी गेल। दान लेनिहार कांग्रेस आ वाम दल सेहो। हुनकर जमीन पर बसल कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय आ मिथिला विश्वविद्यालय संग-संग दरभंगाक आम लोक। जखन कि महाराजक बाद दरभंगा विकास आगू नहि बल्कि पाछु दिस विदा भेल अछि।
सांसद बनबाकन्यूनतम आयु ( 24 साल ) स जीवन क आखरि क्षण (1962) तक सांसद रहबाक बावजूद राजनीतिक तौर पर बिहार सरकार हुनका अछूत मानलक। एहि कारण स आइ धरि हुनकर नाम पर एकटा सड़कक नाम तक नहि राखल गेल अछि। एतबा धरि जे हुनकर जमीन पर स्थापित दू-दू टा विश्वविद्यालय भेलाक बावजूद हुनकर प्रतिमा लेल निर्धारित स्थान आइ धरि खाली अछि। ओना 1987 स हुनकर जयंती क अवसर पर मिथिला विश्वविद्यालय मे अवकाश होइत अछि। राजनीतिक वारिस नहि रहलाह स जे कांग्रेस राजेंद्र प्रसाद कए दरकिनार करि सकैत अछि, एहन मे त महाराजक क कोनो वारिसो नहि छल त हुनकर संस्मरण करबाक उम्मीद कोना भ सकैत अछि। ओना दरभंगाक आम लोक सेहो आइ कहि रहल छथि- हम सब बिसरी गेलहुं महाराज!