हार्वर्ड बिजनेस स्कूल क एकटा केस स्टडी मे बताउल गेल अछि जे कोनो लालू प्रसाद क नेतृत्व मे भारतीय रेलवे क कायाकल्प भ गेल। लालू प्रसाद ओ राजनीतिक शख्सियत छथि, जे भारत क सबस बदहाल आओर अराजक राज्य पर 15 साल तक राज केलथि। हुनकर पूर्ववर्ती रेलमंत्री नीतीश कुमार आब बिहार क नेतृत्व करि रहल छथि। भ सकैत अछि आबैवाला दिन मे नीतीश कुमार हार्वर्डस कैनेडी स्कूल क ध्यान अपना दिस खींच सकथि, जिनकर अगुवाई मे एकटा विफल राज्य बड़ तेजी स राजनीतिक आ आर्थिक दिवालियापन स उबरि रहल अछि। आइ बिहार क सड़क पर गड्ढा अछि, मुदा पहिने त ओतह सड़के नहि छल। लोक शिकायत करैत छथि जे कुमार महत्वाकांक्षी विकास योजना कए संपूर्णता स लागू नहि करि सकलाह, मुदा महत्वाकांक्षा अछि, इ की कम अछि? आखिर कुमार इ बदलाव करबा मे कोना सफल रहला अछि? ओ सबस पहिने त कानून आ व्यवस्था कए कड़ाई स लागू करबा क काज केलथि।
लोक आब कार खरीद रहल अछि आ सांझ ढलबाक बाद घर स बाहर निकलबाकसाहस देखा रहल अछि। बिहार क अर्थव्यवस्था हरदम अस्त-व्यस्त रहल अछि, मुदा कुमार क सत्ता मे एलाक बाद राज्य क विकास दर दू अंक मे पहुंच चुकल अछि। ओ पिछला साल राज्य मे 2400 किलोमीटर सड़क क निर्माण करौएलथि। आइ बिहार क गाम मे टीकाकरण क पोस्टर स मोबाइल फोन क सस्ता कॉल दर क विज्ञापन क होड़ लैत नजरि आबि रहल अछि।
साभार : द इकोनॉमिस्ट
‘द इकोनॉमिस्टÓ ब्रिटेन स प्रकाशित साप्ताहिक न्यूज मैग्जीन अछि।