नई दिल्ली। सोम दिन प्रधानमंत्री क अध्यक्षता मे भेल गंगा प्राधिकरण क पहिल बैठक मे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केंद्र क समक्ष बिहारक पक्ष रखलथि। प्रस्तावित योजना पर सवाल उठबैत नीतीश केंद्र कए आगाह कलथि जे वर्तमान स्वरूप मे इ उद्देश्य पूरा करबा मे असमर्थ रहत। बैठक मे नीतीश कईटा पहलु पर सवाल उठौलथि। ओ साफ साफ कहलथि जे प्रस्तावित प्रारूप पर दोबारा विचार करबाक चाही। नीतीश क मानब छल जे गंगा नदी प्राधिकरण मे मिशन डायरेक्टर क पद अछि, जे योजना क क्रियान्वन क लेल जिम्मेदार होइत, मुदा राज्य स्तर पर एहन कोनो पद नहि अछि। ओ मानलथि जे राज्य मे कोनो विशेषज्ञ आ पेशेवर लोक क अभाव अछि एहि लेल पहिने राज्य स्तर पर एकटा ढांचा बनेबा क जरूरत अछि, जाहिमे तकनीकी आ प्रशासनिक सहयोग भेटबाक चाही। नीतीश क मानब छल जे एकर शुरुआत राज्य क स्तर स हेबाक चाही आओर केंद्र कए आर्थिक मदद देबाक चाही। मुदा प्रस्ताव मे एहि बाबत किछु नहि कहल गेल अछि ओ कहलथि जे प्रोजेक्ट क मंजूरी क बाबत दुरूह प्रावधान रखल गेल अछि। जखन कि हेबाक इ चाही जे 50 करोड़ तक क प्रोजेक्ट क मंजूरी राज्य स्तर क समिति पर छोडि़ देल जाए। नीतीश फंडिंग क प्रारूप पर सेहो असहमत छलाह। दरअसल, प्रस्ताव क अनुसार केंद्र आ राज्य कए 70:30 क अनुपात मे फंड देबाक छैक। बिहार सरकार एकरा शत-प्रतिशत केंद्रीय बनेबाक इच्छा रखैत अछि।
बिहार क संदर्भ मे नीतीश मुखर रहलाह। ओ गंगा मे पाइनक स्तर आ ऊर्जा संयंत्र क मंजूरी क बाबत सेहो सवाल उठौलथि। कुमार कहला जे भारत बंगलादेश जल संधि क संबंध मे सेहो बिहार सरकार स कोनो संपर्क नहि कैल गेल। जखन कि बिहार क बक्सर मे प्रवेश करैत काल गंगा मे 400 क्यूसेक क बहाव होइत अछि। जखन कि बिहार छोड़ैत काल इ बहाव 1500 क्यूसेक कए आसपास भ जाइत अछि। एकर बावजूद आखिर कौन आधार पर बिहार क ऊर्जा संयंत्र कए एखन धरि मंजूरी नहि देल गेल अछि। केंद्र एखन धरि जे भारत-बांग्लादेश जल संधि क कारण बता रहल अछि ओ एहि आंकड़ाक आगू निराधार अछि। नीतीश पटना मे सीवरेज पर सेहो विशेष ध्यान देबाक आग्रह केलथि। ओ कहलथि जे पटना सहित हाजीपुर, बेगूसराय, बक्सर आ मुंगेर क लेल विस्तृत प्रोजेक्ट सेहो केंद्र क ध्यानार्थ पेश भ चुकल अछि। ओकरा मंजूरी भेटबाक चाही। नीतीश गंगा क तट पर पाइन मे आर्सेनिक क मौजूदगी क बाबत सेहो केंद्र क ध्यान खींचलाह।