राज्य मे साक्षरता दर बढ़ेबा लेल राज्य सरकारक एकटा आओर पहल
पटना। बिहार क विभिन्न जेल मे बंद साक्षर कैद आब जेल मे बंद निरक्षर कैदी कए साक्षर बनेबा लेल शिक्षक क भूमिका निभाउताह। एहि काज लेल हुनका प्रतिमाह 200 टका पारिश्रमिक सेहो देल जाइत। राज्य क कारा महानिरीक्षक रमेश लाल कहलथि जे राज्य क विभिन्न जेल मे एखन कुल 24,987 लोक विभिन्न मामला क आरोप मे बंद अछि। एहि मे पैघ संख्या निरक्षरक अछि। लाल कहलथि जे निरक्षर कैदी कए साक्षर बनेबा लेल राज्य सरकार एकटा योजना बनौलक अछि । योजनाक तहत एहि काज मे साक्षर कैदी कए लगाउल जाइत, जाहि लेल हुनका प्रतिमाह 200 टका पारिश्रमिक देल जाइत। ओ कहला जे जाहि जेल मे साक्षर कैदी नहि अछि ओहिठाम अलग स शिक्षक क व्यवस्था कैल जाइत। एकरा लेल मानव संसाधन विभाग 23.10 लाख टका द देलक अछि। कारा विभाग क एकटा अन्य अधिकारी क कहब अछि जे राज्य क सबटा केंद्रीय कारा मे आठ-आठ केंद्र बनाउल जाइत, जखन कि मंडल, जिला आ उप कारा मे आवश्यकता क अनुसार केंद्र क स्थापना कैल जाइत। अधिकारी कहला जे पटना स्थित आदर्श केंद्रीय कारा (बेउर) मे जतय 400 स बेसी कैदी निरक्षर छथि ओतहि मुजफ्फरपुर आ भागलपुर केंद्रीय कारा मे क्रमश: 400 आ 230 निरक्षर कैदी क पहचान भ चुकल अछि। आन जेल मे सेहो निरक्षर कैदीक पहचान क लेल काज भ रहल अछि।
लेखन के लिये “उम्र कैदी” की ओर से शुभकामनाएँ।
जीवन तो इंसान ही नहीं, बल्कि सभी जीव जीते हैं, लेकिन इस समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार, मनमानी और भेदभावपूर्ण व्यवस्था के चलते कुछ लोगों के लिये मानव जीवन ही अभिशाप बन जाता है। अपना घर जेल से भी बुरी जगह बन जाता है। जिसके चलते अनेक लोग मजबूर होकर अपराधी भी बन जाते है। मैंने ऐसे लोगों को अपराधी बनते देखा है। मैंने अपराधी नहीं बनने का मार्ग चुना। मेरा निर्णय कितना सही या गलत था, ये तो पाठकों को तय करना है, लेकिन जो कुछ मैं पिछले तीन दशक से आज तक झेलता रहा हूँ, सह रहा हूँ और सहते रहने को विवश हूँ। उसके लिए कौन जिम्मेदार है? यह आप अर्थात समाज को तय करना है!
मैं यह जरूर जनता हूँ कि जब तक मुझ जैसे परिस्थितियों में फंसे समस्याग्रस्त लोगों को समाज के लोग अपने हाल पर छोडकर आगे बढते जायेंगे, समाज के हालात लगातार बिगडते ही जायेंगे। बल्कि हालात बिगडते जाने का यह भी एक बडा कारण है।
भगवान ना करे, लेकिन कल को आप या आपका कोई भी इस प्रकार के षडयन्त्र का कभी भी शिकार हो सकता है!
अत: यदि आपके पास केवल कुछ मिनट का समय हो तो कृपया मुझ “उम्र-कैदी” का निम्न ब्लॉग पढने का कष्ट करें हो सकता है कि आपके अनुभवों/विचारों से मुझे कोई दिशा मिल जाये या मेरा जीवन संघर्ष आपके या अन्य किसी के काम आ जाये! लेकिन मुझे दया या रहम या दिखावटी सहानुभूति की जरूरत नहीं है।
थोड़े से ज्ञान के आधार पर, यह ब्लॉग मैं खुद लिख रहा हूँ, इसे और अच्छा बनाने के लिए तथा अधिकतम पाठकों तक पहुँचाने के लिए तकनीकी जानकारी प्रदान करने वालों का आभारी रहूँगा।
http://umraquaidi.blogspot.com/
उक्त ब्लॉग पर आपकी एक सार्थक व मार्गदर्शक टिप्पणी की उम्मीद के साथ-आपका शुभचिन्तक
“उम्र कैदी”