नई दिल्ली। कोसी पर पुल बनि कए तैयार अछि आ छह फरवरी कए एकर उदघाटन सेहो तय अछि। मुदा एखन धरि तय नहि भ सकल अछि त एहि पुलक नाम। दू भाग मे बंटल मिथिला कए जोडि रहल इ पुल क सपना सब देखलक। 1934 मे भवटियाही स्टेशन कए जमीन मे समा गेला स टूटल संपर्क लाख प्रयासक बावजूद एखन धरि नहि जुडि सकल छल। मिथिला लेल इ मात्र एकटा पुल नहि छी, इ ओकर सांस्कृतिक, सामाजिक आ आर्थिक पुनर्स्थापन छी। एहन मे एहि पुलक नाम पर मंथन जरूरी भ जाइत अछि। ओना त एहि पुलक खाका दरभंगाक पूर्व सांसद आ मिथिला पुत्र ललित नारायण मिश्र खींच गेल छलाह, मुदा एकरा एहि रूप त अनबा मे झंझारपुर आ सहरसाक तत्कालीन सांसदक योगदान उल्लेखनीय अछि। हिनके दूनू गोटेक जिद पर इ सडक एहि दिस स गेल, नहि त इ सडक बरौनी द कए जाइत छल। मिथिलाक एहि इच्छा कए स्वीकार करि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एहि पुल क शिलान्यास केलथि। देर सबेर आइ इ पुल नामकरण संस्कार लेल तैयार अछि। एहि पुलक नामकरण क चर्चा क बीच मधुबनीक सांसद हुक्मदेव नारायण यादव एकटा पत्र केन्द्रीय सड़क परिवहन आ राजमार्ग मंत्री कए लिखलथि अछि। अपन पत्र मे ओ मंत्रालय स आग्रह केलथि अछि जे कोसी महासेतु क नामकरण कोनो मिथिलाक विभूतिक नाम पर कैल जाए। मंत्री कए लिखल पत्र में सांसद किछु नाम क सुझाव देलथि अछि जाहि मे आयाची-मंडन सेतु आ ललित सेतु शामिल अछि। दोसर दिस मैथिलीक प्रख्यात गीतकार आ गायक चंद्रमणि क कहब अछि जे पुलक नाम मिथिला सेतु राखल जाए। ओ कहला अछि जे दू भाग मे बंटल मिथिला कए जोडनिहार एहि पुलक नाम मिथिला सेतु हेबाक चाही। दू भाग मे बंटल मिथिलाक दर्द कए अपन लेखन मे उतारनिहार पत्रकार गिरींद्र नाथ क एहि संबंध मे साफ कहब अछि जे नाम किछु राखि देल जाए मुदा पुल चालू भ जेबाक चाही। हुनक कहब अछि जे कहीं नाम पर उठल विवाद स पुलक उदघाटन नहि प्रभावित भ जाए। श्री झा क कहब अछि जे जेकर नाम पर रखबाक छैक राखि द ..मुर्दा-जीवित…सबटा स्वीकार अछि..खाली चालू क देल जाए इ पुल भाई,,,एनएच 31 स दरंभगा जाइत-जाइत हम पूर्णिया क मैथिल सब थाकि जाइत छी।. पुल चालू भ जाए त चट द पहुंच जायब गाम…। एहिना युवा दयाकांत क कहब अछि जे पुलक लेल सबस सुंदर नाम अयाची-मंडन सेतु होएत। दूनू महान विभूति छथि आ दूनू पूर्वी आ पश्चिमी भाग क प्रतिनिधि विद्वान सेहो छथि। शिक्षक आभाष आनंद क कहब अछि जे पुल क नामकरण लेल विद्यापति पर सेहो विचार कैल जाए। विद्यापति मिथिलाक एकटा सांस्कृतिक दूत छथि आ एखनो मिथिला कए एक सूत्र मे बांधि रखनिहार छथि। लोक बीच एहि नामकरण पर चर्चा त तखन धरि चलैत रहत जखन धरि एकर नामकरण नहि भ जाइत अछि। भ सकैत अछि इ चर्च ओकर बाद सेहो चलैत रहए। मुदा एतबा जरूर आम राय बनल जा रहल अछि जे एहि सेतु क नाम कोनो मैथिलक नाम पर राखल जाए। निश्चित रूप स इ मांग उचित अछि।
नाम मिथिला सेतु राखल जाए।……………सभसँ नीक प्रस्ताव ।
अयाची-मंडन setu…..
LALIT Setu
Lalit Setu bagal mein bani rahal rail pul ke naam rakhal jay ta besi neek hoyat, Sadak setuk naam Vidyapati Setu athwa Ayachi-Mandan Setu hue ta neek.
Kono ehan naam je poora mithila me saman rup sa swikar homaywala ho, Mandan-Ayachi mithila ke sanskritik dharohar chhathi, lekin ehi sa ek jaati vishek ke sambadhta seho jhalkait chhai, tahi la ka mithila setu yaa kono anya naam uchit hoyat