पटना ।  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केंद्र सरकार कए  गरीब परिवार क संख्या निर्धारित करबाक तर्ज पर  ओकर पहचान क जिम्मेदारी सेहो स्वीकारबाक सलाह देलथि अछि। ओ केंद्र कए आड़े हाथ लैत कहला जे ओकरा गरीबी मापबा लेल स्वतंत्र ‘पहचान आयोगÓ गठित करबाक चाही। विधानसभा परिसर मे गरीबी उन्मूलन विषय पर आयोजित सेमिनार कए संबोधित करैत ओ कहला जे गरीबी मापबा क तरीक कए पारदर्शी बनेबाक आवश्यकता अछि। बिहार मे गरीबी रेखा स नीचा क  परिवार क संख्या करीब डेढ़ करोड़ अछि। भारत सरकार मात्र  72 लाख परिवार क लेल सुविधा  दैत अछि। फूड एंड सिक्युरिटी लॉ सेहो भारत सरकार क  आंकड़ा कए मानैत अछि। अगर येह स्थिति रहल, त किया कोनो राज्य सरकार चलत।  सेमिनार मे योजना आयोग क उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया मुख्य वक्ता क रूप मे उपस्थित छलाह।  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अहलुवालिया आ विश्व क  दाता एजेंसी स कहला जे गरीबी मापबाकतरीका बदलबाकचाही। ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 2002 मे सर्वे हुए लागल, त हंगामा ठार भ गेल। राज्य मे बीपीएल सूची मे सुधार क लेल हर पंचायत मे मुखिया सहित 10 लोकक कमेटी गठित कैल गेल। 60 लाख लोककशिकायत भेटल। केंद्र सरकार ‘खाद्य सुरक्षा ड्राफ्टÓ तैयार करि रहल अछि।
हक अछि विशेष राज्य का दर्जा
 नीतीश कुमार बिहार कए विशेष राज्य क दर्जा देबाक जरूरत गिनौलथि। ओ कहला जे बिहार निर्धन अछि। एहि ठाम निवेश स लकए अन्य पैरामीटर सेहो औसत दर्जा क नहि अछि। देश मे विकास कए लकए पैघ गैप अछि। राज्य क भौगोलिक स्थिति दोसर प्रांत स अलग अछि।  सड़क आ बिजली पर जे टका खर्च कैल जा रहल अछि, बाढ़ ओकरा हर साल धो दैत अछि।
गरीबी उन्मूलन के मामले में उन्होंने राज्य सरकार की तारीफ की। उन्हें कहा कि बिहार में गरीबी उन्मूलन के लिए कई योजनाएं सफलतापूर्वक चल रही हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा गरीबी तय करने के तरीके को लेकर सवाल उठाए जाने पर अहलूवालिया ने कहा कि इसपर केंद्र सरकार विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रो़ तेन्दुलकर की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है जिसकी रिपोर्ट नवंबर में ही आने वाली है।		
 
			 
		    



 
                                


