पटना। पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रक कृपा स मात्र 20 साल मे जर्जर भ चुकल पटनाक गांधी सेतु क पुनर्निर्माण मे आब केेंद्र बाधक बनि रहल अछि। केंद्र सरकार महात्मा गांधी सेतु क राज्य सरकार द्वारा पुनर्निर्माण प्रस्ताव कए आखिरकार नकार देलक अछि। पिछला कई वर्ष स एहि सेतु क मरम्मत स आजिज आबि कए राज्य सरकार एकर पुनर्निर्माण क लेल केंद्र स इज्जात मंगने छल। मुदा केंद्र इ कहिकए एकरा अस्वीकार करि देलक जे मरम्मत करि कए पुल कए ठीक करि लेल जाएत।
सबस पैघ गप इ अछि जे एहि पुलक निर्माण मे सहो अधिकांश टका राज्य सरकार कए लागल अछि आ पुनर्निर्माण लेल सेहो राज्य सरकार केंद्र मात्र इजाजत मंगने छल न कि टका। एकर बावजूद केंद्र क रवैया निराशाजनक रहल। रिकार्ड बता रहल अछि जे केंद्र सरकार उत्तरप्रदेश मे गंगा आ यमुना पर आधा दर्जन स बेसी पुल बना चुकल अछि, मुदा बिहार मे केंद्र पुल बनेबा मे उदासीन रहल अछि। ज्ञात हुए जे गंगा क कछैर मे सड़क बनेबा लेल जे टका क व्यवस्था कैल गेल छल, ताहि स गांधी सेतुक निर्माण भेल छल। मुदा एशियाक एहि सबस पैघ पुल कए राजनीतिक फायदा लेबाकचक्कर तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र जेना-तेना उद्घाटन करबा देलथि, जाहि स इ पुल जर्जर भ गेल। राज्य सरकार क मुताबिक केंद्र क एजेंसी आईएलएफएस द्वारा एहि पुल क जीर्णोद्धार हेबाक छल। आईएलएफएस 5.8 किलोमीटर लंबा एहि पुल आ सात किलोमीटर लंबा रोड क लेल 267 करोड़ क प्रोजेक्ट बनेने छल। पिछला साल राज्य सरकार केंद्र लग प्रस्ताव पठेने छल। मुदा आब केंद्र सरकार द्वारा मना करबा स राज्य सरकार कए झटका लागल अछि। महात्मा गांधी सेतु क मरम्मत पर एखनधरि 24 करोड़ खर्च कैल जा चुकल अछि।