पटना । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनावी वर्ष मे किसान कए एकटा आओर सनेस देलथि अछि। आब आपसी सहमति स जमीन क अदला-बदली करबा पर किसान कए कोनो तरह क स्टांप डय़ूटी नहि देबाकअछि। अर्थात बिहार मे जमीनक छोट-छोट टुकड़ा कए मिला कए पैघकरबा मे आब कोना टका नहि खर्च होएत। जमीनक आदन-प्रदान करि पैघ प्लॉट बनला स मात्र किसान कए फसल कए सिचाई मे मदद नहि भेटत, बल्कि उपज सेहो बढ़त। एकर संग-संगमुख्यमंत्री घोषणा केलथि जे बैंक स लोन लेबा पर किसान कए आब सात फीसदी क बजाय मात्र चार फीसदी पर भेटत। शेष राशि सरकार बैंक कए अनुदान क रूप मे देत। बटाईदारी बिल पर पलटवार करैत ओ एहि मुद्दा पर विरोधी दल स अपन स्टैंड स्पष्ट करबा लेल कहलथि। मुख्यमंत्री कहला जे बटाईदारी कए लकए विरोधी जानि-बूझि कए अफवाह फैला रहल छथि। जाहि बिल क गप कहल जा रहल अछि, ओकर कच्चा या पक्का प्रारूप कोई दिखा दिए। जहां धरि बिहार कास्तकारी अधिनियम क सवाल अछि जाहि मे इ नियम बनाउल गेल अछि जे अगर 12 साल तक कोई बटाईदारी पर खेती करैत अछि, तो ओकरा कब्जा क अधिकार होएत, त इ बिल त कांग्रेस क आनल अछि। 1986-87 मे एहि नियम मे संशोधन करि इ नियम बनाउन्ल गेल जे अगर कब्जादार क अधिकार रखनिहार चाहे, त ओ लगान क 24 गुना राशि दकए जमीन क मालिक सेहो बनि सकैत अछि।