मिथिला आन ठाम क कोनो सामान आ पदार्थ कए अपना मे तेना समाहित करि लैत अछि जे ओकर रूप आ रंग संग-संग ओकर नाम तक बदलि जाइत अछि। चीन स आयल चाय, एहि ठाम चाह बनि गेल। पंजाब स आयल लस्शी मिथिला खास क दरभंगा मे ग्रीन कए नाम स चिन्हल जाइत अछि। दरअसल दरभंगा मे जे लस्शी बनैत अछि ओहि मे 10 त 80 फीसदी तक भांग मिलाउल जाइत अछि, जाहि स ओकर रंग हरियर अर्थात ग्रीन भ जाइत अछि। एहन मे एहि ठाम लस्शी कए ग्रीन कहल जाइत अछि। एहिना शीर चाहक क नामकरण भेल। शीर चाह लगभग सात घंटा मे तैयार होइत अछि। एकरा पिबा लेल अहां कए कम स कम पटना आबै परत। कश्मीरी पत्ती आ ड्रायफूट स बनल एहि चाह क स्वाद लेबा लेल दूर-दूर स लोक पटना अबैत अछि। शीर चाह क लेल कश्मीरी पत्ती कए पाइन मे तीन घंटा तक उबालल जाइत अछि आओर फेर बिना छानने लस्सी जेकां एक घंटा तक फेंटल जाइत अछि। गुलाबी भेला पर एकरा आंच पर रखिकए बादाम, काजू, किशमिश, छुहारा क पेस्ट क संग इलायची पाउडर जाफरन आ दूध मिला देल जाइत अछि। आब एकरा तीन घंटा आओर पकाकए एहि मे गाढ़ापन आनलरक क बाद चीनी ढारल जाइत अछि। फेर केवड़ा एसेंस देल जाइत अछि। इ चाह एतबा गरम होइत अछि जे 14 साल स कम बेस क बच्चा कए नहि देल जाइत अछि। सबस खास गप इ अछि जे एहि महंगाई क दौर मे सेहो इ अदभुत चाह अहांक लेल मात्र पांच टका मे प्याली उपलब्ध अछि, सेहो पूरा ताजगी, ताकत आ गजब क स्वाद क संग। त चलू पटना…..एक लोटा चाह पिबा लेल….।