पटना। अहां मानि बा नहि मानि, मुदा बिहार सरकारक दावा अछि जे अगिला तीन मास मे दरभंगा स्थित अशोक पेपर मिल खुलबाक प्रक्रिया शुरू भ जाएत। विधान परिषद मे उद्योग मंत्री रेणु कुशवाहा कहलथि जे अशोक पेपर मिल खुली रहल अछि आ आब एहि ठाम मात्र कागज नहि बनत बल्कि चीनी क उत्पादन सेहो होएत। ओ कहलथि जे अशोक पेपर मिल परिसर मे कागज संग संग चीनी उत्पादन करबाक सेहो योजना अछि। मिश्री लाल यादव क अशोक पेपर मिल कए चालू करबाक आ ओकर संपत्ति कए रक्षा करबा संबंधित ध्यानाकर्षण क जवाब दैत मंत्री कहलथि जे मिल चालू भ रहल अछि जे आ मिल चालू भेला पर राज्य मे रोजगार क नव अवसर पैदा होएत। ओ कहलथि जे मिल मे बिजली आपूर्ति चालू करबा लेल राशि जमा क देल गेल अछि। मिल कर्मी कए बकाया मद मे आंशिक भुगतान क व्यवस्था कैल गेल अछि आ मिल मे उत्पादन शुरू भेला पर बकाया भुगतान कैल जाएत। श्री यादव क पूरक क जवाब मे मंत्री कहलथि जे सर्वोच्च न्यायालय क आदेश स बंद पड़ल मिल क सुरक्षा दरभंगा क एसपी क रहल छथि। एसपी आ डीएम क प्रतिवेदन क अनुसार 20 सुरक्षा प्रहरी मिल क देखभाल क रहल अछि, संपत्ति बेचबाक कोनो सूचना नहि अछि। अशोक पेपर मिल क स्थिति स्पष्ट करैत ओ कहलथि जे 1996 मे उच्चतम न्यायालय क आदेश क तहत मेसर्स नोवियो कैपिटल एंड फाइनांस लिमिटेड,मुंबई कए पुनर्वास आ कार्यरत करबाक जिम्मा देल गेल। स्कीम क तहत राज्य सरकार, वित्तीय संस्थान आ कामगार यूनियन क कर्तव्य क निर्धारण करि देल गेल। अदालत पुनर्वास कार्य क मूल्यांकन आ समीक्षा लेल उद्योग मंत्रालय क अध्यक्षता मे एकटा समीक्षा समिति क गठन केलक जेकरा समय-समय पर समीक्षा क अपन प्रतिवेदन सर्वोच्च न्यायालय कए देबाक छल।
बकौल मंत्री मिल 2000 मे कार्यरत भेल आ वर्ष 2001 मे राज्य सरकार द्वारा रोक लगेलाक स मिल बंद अछि। मेसर्स नोवियो सर्वोच्च न्यायालय क शरण मे गेल, जतए सरकार क रोक कए उचित नहि मानल गेल। वर्ष 2004 मे मिल लिक्विडेट भ कोलकाता उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त लिक्विडेटर क कब्जा मे चल गेल। फेर वर्ष 2010 मे नोवियो कैपिटल मिल कए कार्यरत करबा लेल उद्योग विभाग क प्रधान सचिव कए आवेदन देलक। एहि पर सरकार रोक हटा लेलक अछि। आब मिल कए चालू करबाक कार्रवाई कैल जा रहल अछि।