मधुबनी । देश मे मखानक कूल पैदावार क करीब 90 फीसदी हिस्सा मिथिलाक लग मे अछि। छोट-मोट डाबर स ल कए पैघ पोखरि तक मे मखानक खेती होइत छल। मुदा पिछला चारि दशक स खेतीक रकबा मे धीरे-धीरे कमी होइत गेल। पिछला दू दशक मे त मिथिला स कूसियार(ईख या गन्ना) आओर मखान क खेती नाम मात्रक रहि गेल छल। बिहार मे नीतीश सरकार एलाक बाद कृषि लेल एकटा रोड मैप तैयार कैल गेल छल। जेकर परिणाम आब सामने आबि रहल अछि। 2006 मे मुख्यमंत्री अपन हाथ स बिहारक पहिल मखान प्रोसेसिंग यूनिटक उद्घाटन केने छलाह। आई झंझारपुर मे सेहो एकटा प्रोसेसिंग यूनिट लागि चुकल अछि। बिहार मे श्वेत क्रांति करिनिहार सुधा पहिल बेर मखान उत्पादन बढेबा लेल आगू बढ़ल। आइ मखान बोरा स निकलि कए रंग-बिरंगक छोट-छोट पैकेट मे बंद भ देश-विदेश तक जेबा लेल तैयार अछि। एहि काज लेल कईटा लोक जुटि चुकल छथि। मांग क संग-संग किसान कए पैदावार करबा लेल पूंजी आ प्रोत्साहन भेटि रहल अछि। देखिते-देखिते मखानक पैदावार पिछला दू-तीन साल मे 5 टन स बढि़ कए 20 स 25 टन तक भ चुकल अछि, मुदा पैदावारक हिसाब स मांग कई गुना बढि़ गेल अछि। जइ कारण आइ मिथिलाक मखान काजू आ किसमिस स बेसी महग अछि। आइ मखान आम लोकक पहुंच स आगू बढि़ चुकल अछि। देशक पांच तारा होटलक मेनू चाट मे मखान अपन श्रेष्टïता साबित करि चुकल अछि। कुल मिला कए मखान क खेती धीरे-धीरे फायदाक सौदा कहल जा रहल अछि। आइ किसान कए 100 टका स 150 तक भेटि रहल अछि, जखन कि तीन साल पहिने एतबा मात्रा लेल 60 स 75 टका त देल जाइत छल।