नई दिल्ली । दिल्ली दरबार मे एहि बेर बिहारक मुख्यमंत्री राज्य हित मे आवाज बुलंद केलथि । इ पहिल मौका छल जखन बिहारक कोनो मुख्यमंत्री दिल्ली मे राज्यक हित लेल एना बाजल हुए । एखन धरि देखल गेल छल जे कांग्रेसी मुख्यमंत्री दिल्ली मे चुप भ केंद्रक गप गबडगबड सुनि लैत छल या फेर राबडी देवी सन विपक्षक मुख्यमंत्री दिल्ली एबा स परहेज करैत रहल। मुदा नीतीश केवल एलथि नहि बल्कि बिहारक गप जोर-शोर स रखलथि । बिहारक कोनो मुख्यमंत्री क इ रूप देखि सब स्तब्ध भ गेल। लोक इ सोचबा लेल मजबूर भ गेल जे बिहारक मुख्यमंत्री सेहो दिल्ली मे दहाड सकैत अछि। देश क सबस पैघ नीति नियामक संस्था राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) क बैठक मे पंचवर्षीय योजना क मूल्यांकन पर नीतीश कुमार पुरजोर तरीका स अपन गप कहलथि। नीतीश केंद्रीय योजना क इ कहिकए धज्जी उड़ा देलथि जे एकरा त केंद्र राज्य क हक मारिकए अपन वाहवाही लूटबा लेल चला रहल अछि। अपन भाषण मे नीतीश राज्य सरकार किछु मांग सेहो आगू बढ़ौलथि, मुदा ओ साफ तौर पर कहलथि जे केंद्र सरकार जेना राज्य क आजादी खत्म करबा मे लागल अछि ओ लोकतंत्र क संघीय व्यवस्था लेल घातक अछि। मौजूदा सरकार जे करि रहल अछि ओहि स संविधान क भावना आ राष्ट्रीय विकास परिषद क उद्देश्य दूनू ध्वस्त भ रहल अछि। इ राज्य क आजादी कए हड़पबाक कोशिश छी। नीतीश क तर्क छल जे केंद्र अपने त लोकलुभावन योजना आनि कए वाहवाही लूट रहल अछि, मुदा राज्य कए भेटैएवाला केंद्रीय मदद कम करि रहल अछि। 11वीं योजना क प्रस्तावित सकल बजटीय समर्थन मे राज्य क हिस्सा 34 फीसदी स घटि कए 23 फीसदी रहि गेल अछि, जखनकि केंद्र क हिस्सा 66 स बढ़ि कए 77 फीसदी भ गेल अछि। प्रधानमंत्री नीतीशक एहि आरोप पर चुप रहलाह। मुदा कईटा आन मुख्यमंत्री नीतीशक एहि गप पर सहमति जतेलथि।
नीतीश कुमार केंद्रीय मंत्री पर गंभीर आरोप लगबैत कहला जे हमर संघीय ढांचा कए इ शोभा नहि दैत अछि जे केंद्र क मंत्री केंद्रीय संसाधन आ मंच क उपयोग राज्य सरकार क आलोचना करबा लेल करथि। संविधान मे केंद्र क भूमिका राज्य क सहयोगी क रूप मे देल गेल अछि नहि कि अड़ंगा डालबा लेल। ओ कहला जे बिहार क सकल घरेलू उत्पाद मे उत्साहजनक प्रगति भेल अछि, तइयो प्रति व्यक्ति क आय क मामला मे हम काफी पाछु छी। सामाजिक क्षेत्र मे हम अति प्रशंसनीय प्रगति केलहूं अछि, तइयो राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति क आय क स्तर कए छूबा लेल हमरा भारी निवेश करबाक जरूरत अछि। अतः निवेशक कए आकर्षित करबा लेल खासकए कृषि आधारित उद्योग क क्षेत्र मे बिहार कए विशेष राज्य क दर्जा देल जाए। एक बेर विशेष राज्य क दर्जा प्राप्त होइते, बिहार अपन जरूरत क अपने ध्यान रखबा मे सक्षम भ जाएत। भारतीय खाद्य निगम क दिस स राज्य मे पर्याप्त भंडारण क्षमता विकसित करबा लेल प्रयास हेबाक चाही। शिक्षा क अधिकार कानून लागू करबा लेल राज्य कए 25 हजार करोड़ टकाक जरूरत अछि। नीतीश कुमार सीधा सवाल केलथि जे अगर एतबा टका अहांक कहला पर शिक्षा पर खर्च करि देब त बाकी विकासक काज कोना होएत।
गौरतलब अछि जे कुमार मुख्यमंत्री बनलाक बाद स लगातार एहि मांग कए उठबैत रहलाह अछि आ योजना आयोग क लग मे इ मामला विचाराधीन अछि। ओनो विशेष राज्य क दर्जा देबाक अधिकार राष्ट्रीय विकास परिषद क लग मे अछि।
Bahut bahut dhanyabad nitish jee