पटना। राज्य मे आब मात्र बाढ़ नियंत्रण आ कटाव निरोधक काज क योजना नहि बनत। बाढ़ नियंत्रण योजना कए सुखाड़ स जोड़ल जाइत। एकरा लेल बिहार जल प्रबंधन निगम क स्थापना होइत। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम क सुझाव पर बाढ़ क पानी क उपयोग सुखाड़ स निबटने मे होइत। एकरा अलावा तालाब आ पोखर कए पुनर्जीवित कएल जाइत। नेपाल स निकलल नदी स होबै वाला तबाह कए रोकबाक लेल जल संसाधन विभाग मात्र बाढ़ नियंत्रण क लेल योजना बनाउल जाइत अछि। एहि पर प्रति वर्ष करोड़ों टका खर्च हेबा क बावजूद स्थिति ज्यों क त्यों रहैत अछि। पूर्व राष्ट्रपति विशेषज्ञ स सलाह-मशविरा क बाद जल संसाधन विभाग क विशेषज्ञ कए सुझाव देलथि जे जल प्रबंधन क माध्यम स ओ पानी क इस्तेमाल करे। एकरा लेल सरकार बिहार जल प्रबंधन सिस्टम बनबाक प्रस्ताव देने छल। पूर्व राष्ट्रपति एकरा संशोधित करि बिहार जल प्रबंधन निगम बनबाक सलाह देलथि अछि। गांव आ शहर मे कई साल स निर्मित पोखर आ तालाब कए अधिग्रहण स मुक्त करबाक जिम्मेदारी सेहो प्रस्तावित निगम कए सौंपबाक अछि। जल संग्रह क पुरान स्रोत क अतिक्रमण स कई क्षेत्र मे भू-गर्भ जल नीचे चलि गेल अछि। विशेषज्ञ चिंता जतइलक अछि जे समय रहैत ध्यान नहि देल गेल त पेयजल क समस्या उत्पन्न भ जाइत। सतही जल क उपलब्धता बनल रहै पर भू-गर्भ जल क कोनो कमी नहि रहल। उत्तर बिहार क पैघ हिस्सा मे जलजमाव क समस्या नहि रहत। एकर उपयोग मत्स्यपालन, मखाना आ सिंघाड़ा क खेती मे करबाक का सुझाव देल गेल अछि। विशेषज्ञ क अनुसार पैघ पाइप क माध्यम स उत्तर आ दक्षिण बिहार कए जोड़बाक आवश्यकता अछि। एहि स उत्तर बिहार क नदी मे पानी क अधिकता रहै पर पाइप स दक्षिण बिहार मे बहाव कएल जा सकैत अछि। एहि कलेल नहर क निर्माण क आवश्यकता बताउल गेल अछि। एहि स नवादा, गया, औरंगाबाद, कैमूर आ जमुई जिला कए सुखाड़ स मुक्ति भेट जाइत। एहि कए आपदा मानि करि 100 पैकेज मे काज करबाक सलाह देल गेल अछि।