पटना। बिहार सरकारक पहल पर पूरातत्व विभाग दरभंगाक सर्वे शुरू क देलक अछि आ ओ अपन प्रारंभिक रिपोर्ट सेहो सरकार कए सौंप देलक अछि। बिहारक पर्यटन मंत्री सुनील कुमार एहि संबंध मे कहला जे सरकार कए रिपोर्ट भेट गेल अछि आ ओकर अध्ययन केलाक बाद उचित कार्रवाई कैल जाएत। श्री कुमार कहला जे सरकार धरोहर बचेबा लेल गंभीर अछि आ एकरा पर्यटन से जोडबाक प्रयास क रहल अछि। ओ कहला जे पटना मे गंगा नदी क कछैर मे बनल दरभंगा हाउस क सौंदर्य कए दुनिया आब राति मे सेहो देख सकत। सरकार गंगा कात स एहि महल कए रोशन करबाक काज शुरू क देलक अछि। मार्च स गंगा मे नौकायन करैत अहां एहि महल कए रोशनी मे नहायल देख सकैत छी।
ओ कहला जे बिहार क विरासत अत्यंत समृद्ध आ गौरवशाली अछि। हालक वर्ष मे एहि ठाम ऐतिहासिक, धार्मिक आ पौराणिक महत्व क 3629 स्थल चिह्नित कैल गेल अछि, जे इतिहास क नव कथा सुनाओ सकैत अछि। मानव सभ्यता आ संस्कृति क उत्पत्ति आ विकास क कालखंड क रहस्य स पर्दा उठेबा लेल सरकार प्रयासरत अछि। एहि स्थल पर खुदाई संभावित अछि। एखन धरि शासनिक उपेक्षा आओर संरक्षण नहि भेटलाक कारण एहि धरोहर सबहक अस्तित्व खत्म भ रहल छल। आब वैज्ञानिक तरीका स सूचीकरण आ अभिलेखन कार्य शुरू कैल गेल अछि।
विभागीय जानकारीक अनुसार पिछला कई साल स फाइल मे गाडल जा चुकल धरोहर कए एक बेर फेर सरकार सुध लेलक अछि। 1971 मे आर्कियोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया क अनुमति स पुरातत्व निदेशालय क तत्कालीन निदेशक सीताराम राय राज्य मे पुरातत्व स जुड़ल धरोहर पर जे अन्वेषण कार्य केने छलाह, ओकरा संरक्षित नहि राखल जा सकल। कला आ संस्कृति विभाग क पदाधिकारी के मिश्र कहला जे ख्यात अंग्रेज खोजकर्ता जेम्स विलियम फ्रेजर अपन यात्रा वृतांत मे लिखने छथि जे बिहार मे नवपाषण काल आ ताम्रपाषण काल क संस्कृति स जुडल ऐतिहासिक महत्व क कईटा स्थल अछि, जेकर खुदाई भेला पर मानव सभ्यता आ संस्कृति क कईटा पहलु पर स परदा उठि सकैत अछि। 1816 मे गंगा क उद्गम तकबा लेल निकलल जेम्स विलियम फ्रेजर गंगोत्री तक क यात्रा त नहि क सकलाह मुदा अपन यात्रा मार्ग मे पडल ऐतिहासिक आ धार्मिक स्थल क उल्लेख विस्तार स केलथि।
हैरानी क गप अछि जे राज्य मे ऐतिहासिक विरासत कए जमींदोज धरोहर आ स्थल क वैज्ञानिक आ सूचीकरण आ अभिलेखन क कार्य नहि कैल गेल। एहि मामला मे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार धरोहर क महत्व कए बेहद गंभरता स लेलथि अछि आ पुरातत्व व उत्खनन कार्य स जुडल सरकारी एजेंसी कए कार्य करबाक निर्देश देलथि अछि। 2007 स पहिल बेर ऐतिहासिक आ पौराणिक स्थल क सूचीकरण क कार्य प्रारंभ भेल अछि। वित्तीय वर्ष 2007-08 आ 2009-10 तक एहन 3629 स्थल कए चिह्नित करि कए सूचीकरण कैल गेल अछि, जतए उत्खनन करला स इतिहास क गर्भ मे दफन अनेक रहस्य पर स परदा उठि सकैत अछि। एहि मे पटना क 429, नालंदा क 468, जहानाबाद क 140, औरंगाबाद क 151, समस्तीपुर क 232, लखीसराय क 62, बेगूसराय क 191, मधुबनी क 213, बांका क 44, दरभंगा क 128, बक्सर क 81, खगडि़या क 96, नवादा क 308, कैमूर क 360, वैशाली क 357टा स्थल शामिल अछि।