दरभंगा। दरभंगाक ग्रीन कए कए बिसरि सकैत अछि। लस्सीक इ नाम केवल दरभंगा गेला पर बुझी सकैत छी। तहिना देश दुनिया मे मोबाइल पर पीजा आ बर्गर भेट रहल अछि, मुदा दरभंगा मे एकटा कॉल पर चाह अहांक ठोर कए धीपा सकैत अछि। सेहो टहलबा लेल टावर गेल रही या कोनो दुकान मे शापिंग करि रहल रही, चाह क तलब होइत देरी मोबाइल पर एकटा कॉल आ उमेश तुलस्यान क चाह अहांक ठोर लग पहुंच जाएत। पिछला चारि साल स उमेश घुमि-घुमिकए चाह दैत रहल अछि, मुदा इ किछु दुकानदार लेल छल। संचार क्रांति उमेश क व्यवसाय कए एकटा नव रंग द देलक अछि। उमेश आब ककरो चाहक मांग पूरा करबा लेल तैयार अछि। मोबाइल दरअसल ओकर व्यवसायी कए मोबाइल बना देलक अछि, ओकरा लेल ककरो चाह पहुंचायब बेसी सुलभ करि देलक अछि। गला मे लटकल मोबाइल घडी-घडी बजैत रहैत अछि। उमेश कहैत अछि जे मोबाइल पर कॉल हेबाक दू मिनट क अंदर फोनकर्ता क ठोर चाह स धीप जाइत अछि। मूल रूप स बेगूसराय निवासी उमेश अपना आप मे आब अलग तरहक सुविधा देनिहार भ चुकल अछि। उमेश क कहब अछि जे ओ अपन दायरा जल्द बढाउत आ शहरक दोसर कोन तक सेहो चाह पहुंचेबाक काज करत ओना एखन फोन पर प्रतिदिन तीन सौ स बेसी कप चाहक डिमांड भ रहल अछि। कहू आइडिया नीक छै ने।