पटना । बिजली क भारी किल्लत स जूझ रहल बिहार आब आओर केंद्र क मुंह नहि ताकत। सरकार एकरा लेल दोसर रास्ता ताकब शुरू करि देलक अछि। राज्य सरकार आब सीधा बाजार स बिजली कीनबाक योजना बना रहल अछि।
राज्य सरकार क एकटा अधिकारी कहला जे , राज्य मे बिजली क किल्लत कए देखैत हमसब बाजार स बिजली कीनबाक कोशिश करि रहल छी। हालांकि, इ कोई आसान काज नहि अछि। एहि मे बहुत कम अवधि क लेल बहुत बेसी दाम पर बिजली भेटैत अछि।
हमर कोशिश एकटा उचित दर पर लंबा वक्त लेल बिजली कीनबाक अछि। पिछला साल बिहार 1,500 मेगावॉट बिजली कीनबा लेल टेंडर निकालने छल। एहि मे स 450 मेगावॉट क लेल हम एस्सार समूह स समझौता केने छी। एस्सार समूह क लातेहार स्थित निर्माणाधीन संयंत्र स बिहार कए 2014 स बिजली भेटत। इ समझौता 25 साल लेल अछि। एहि ठाम स बिहार कए काफी कम दाम पर बिजली भेट रहल अछि।’
दोसर दिस, राज्य सरकार 1,050 मेगावॉट बिजली कीनबा लेल सेहो कोशिश तेज करि देल गेल अछि। राज्य सरकार क मुताबिक एकर बारे मे जल्द निविदा आमंत्रित कैल जाएत।
एहि दिस, राज्य सरकार दोसर स्रोत स सेहो बिजली हासिल करबाक कोशिश करि रहल अछि। राज्य सरकार क सूत्र कहैत छथि जे, राज्य मे एनटीपीसी क बाढ़ परियोजना स सेहो 2014 तक बिजली उत्पादन शुरू भ जाएत। बिहार सरकारक कोशिश अछि जे एहि ठाम स बेसी स बेसी बिजली हासिल कैल जाए। केंद्र सरकार एहि ठाम स उत्पादित बिजलीक सिर्फ 10 फीसदी बिजली कए बिहार कए देबा लेल तैयार अछि, जखकि बिहार 50 फीसदी बिजली मांग रहल अछि।
एकर अलावा, बिजली क मामला मे राज्य कए भूटान स सेहो काफी उम्मीद अछि। एहि लेल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भूटान स प्रस्तावित बिजली मे बिहारक हिस्सा बढेबा लेल अपन दावा ठोंक देलथि अछि। बिहार कए भूटान मे स्थित पनबिजली परियोजना स 260 मेगावॉट बिजली आबंटित अछि। हालांकि, बिहार कए काफी कम बिजली भेट रहल अछि।