सरिता/प्रीतिलता
पटना। उप मुख्यमंत्री आ वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी विधानसभा मे 2011-12 क आर्थिक सर्वेक्षण पेश केलथि। आर्थिक सर्वेक्षण क अनुसार वर्ष 2009-10 स 2010-11 क दौरान राज्य अर्थव्यवस्था क विकास दर 14.8 प्रतिशत रहल। मोदी आर्थिक सर्वेक्षण मे राज्य मे प्रति व्यक्ति विकास व्यय मे सेहो बढ़ोतरी क गप कहला अछि। सर्वेक्षण क मुताबिक वर्ष 2001-02 मे जतए प्रति व्यक्ति विकास व्यय 930 टका छल ओतहि 2010-11 मे बढि कए 3467 टका भ गेल अछि। एहि अवधि मे देश क प्रति व्यक्ति विकास व्यय 13.6 प्रतिशत क दर स बढल अछि, जखनकि बिहार मे इ दर 17.1 प्रतिशत छल। रिपोर्ट मे एक दिस प्रति व्यक्ति विकास व्यय क आंकडा उत्साह जगा रहल अछि त दोसर दिस राज्य मे गरीबी रेखा स नीचा जीवन जी रहल लोकक संख्या मे कोनो कमी दर्ज नहि कैल जा सकल अछि। सरकार लग एकर कोनो उत्तर नहि अछि जे विकास क इ आंकडा गरीबी कम करबा मे कारगर किया नहि साबित भ रहल अछि।
देखल जाए त एखनो बिहार मे राष्ट्रीय औसत क तुलना मे सड़क क उपलब्धता काफी कम अछि मुदा एहि सेक्टर मे जोरदार तेजी देखल जा रहल अछि। अक्टूबर 2010 मे बिहार मे सड़क क कुल लंबाई 94.0 हजार किमी छल, जे एक वर्ष मे 20 प्रतिशत बढ़ल अछि। ओना सितंबर 2011 तक निर्मित कुल सड़क मे राष्ट्रीय उच्च पथ क लंबाई मे कोनो परिवर्तन नहि भेल अछि। ओकर हिस्सा तीन प्रतिशत स कनि ऊपर बनल रहल। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम 2007-08 स 2011-12 क बीच 2,118.75 करोड़ क खर्च स 801 पुल क निर्माण पूरा केलक अछि।
एहिना एहि रिपोर्ट मे तरकारी उत्पादन मे बिहार क छलांग कए प्रमुखता स उठाउल गेल अछि। एहि मामला मे बिहार देश मे अव्वल भ गेल अछि। 2006-07 मे तरकारी क खेती क क्षेत्रफल 8.24 लाख हेक्टेयर छल, जे 2009-10 मे 8.45 लाख हेक्टेयर भ गेल। फसलवार उत्पादकता सेहो बढ़ल अछि। खरीफ मौसम मे नालंदा क किसान धान क उत्पादकता क स्तर 22.4 टन प्रति हेक्टेयर हासिल क विश्व रिकार्ड कायम केलथि अछि। ओना 2011-12 क खरीफ मे धानक उत्पादन 67.55 लाख टन अनुमानित अछि जे 2008-09 मे भेल सर्वाधिक उत्पादन 57.71 लाख टन स 9.85 लाख टन बेसी अछि।
एहिना राज्य क साक्षरता दर मे एक दशक मे 16.8 प्रतिशत वृद्धि देखा रहल अछि। बिहार मे साक्षरता दर 2001 क जनगणना क अनुसार जतए 47 प्रतिशत क करीब छल, ओतहि इ 2011 मे बढि कए 63.8 प्रतिशत भ गेल अछि। साक्षर होइत बिहार मे इ गौरतलब अछि जे पिछला पांच साल मे कोनो नव महाविद्यालय नहि खुलल अछि। शिक्षक क कमी एखनो बनल अछि आ शिक्षाक स्तर पर सवाल त खुद सरकार उठा रहल अछि। ओना मोदी एहि आर्थिक सर्वेक्षण कए ‘गतिरूद्घ अर्थव्यवस्था क पुनरुत्थान’ कही रहल छथि। मोदीक कहला जे तरकारी क मामला मे बिहार देश मे प्रथम स्थान पाबि लेलक अछि, मुदा मोदी राज्य मे धान आ गहूंम क पैदावार साफ उत्तर नहि देलथि। राज्य मे विकासक जे आंकडा प्रस्तुत कैल गेल अछि ओ मनमोहनी अर्थव्यवस्था क अनुरूप अछि जाहि मे आम लोकक जीवनस्तर मे सुधार लेल बेसी जगह नहि अछि। ओना इ जरूर अछि जे किछु क्षेत्र मे बिहार लगातार नीक नतीजा द रहल अछि, मुदा स्वास्थ्य आ शिक्षा सन क्षेत्र मे बिहार एखनो काफी पाछु अछि। शिशु मृत्यु दर मे कमी सुखद समाद अछि, मुदा कृषि सन क्षेत्र मे विकास क चक्का ठहराव चिंता बढा दैत अछि।