पटना । गांधी मैदान मे आयोजित ‘बिहार दिवस’ समारोह मे उमड़ल जनसैलाब मे उमंग आ जोश परवान पर रहल। अपना बिहार, बढ़ता बिहार क अहसास मे डूबल लोक जश्न क आनंद लेलथि। प्रदेश क गौरवशाली वैभव कए समेटने बिहार गौरव गान क आकर्षक झांकी स सांगीतिक समारोह क आगाज किछु एना भेल जे मंच क सामने बैसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सेहो मंत्रमुग्ध भ गेला। समारोह मे सपरिवार आएल लोक स गांधी मैदान गुलजार रहल। विशेषकर, युवा मे त जोश आ उमंग देखले बनैत छल। किछु लोकक कहब छल जे पटना मे एना त बच्चे मे घुमैत रही खास कए दुर्गा पूजाक दौरान।
‘महका-महका सोंधी माटी का बिहार है’
समारोह म प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ शांति जैन लिखित बिहार गौरव गान मे प्रदेश क इतिहास आ सांस्कृतिक वैभव कए खूबसूरत आ प्रेरक अंदाज मे पेश कैल गेल। जेकर बोल अछि-‘दिशा-दिशा मे लोक रंग का तार-तार है, महका-महका सोंधी माटी का बिहार है..।’ सीताराम सिंह क संगीत निर्देशन आ सोमा चक्रवर्ती क नृत्य संयोजन मे बिहार गौरव गान क प्रस्तुति मे कलाकार अपने शानदार लोकनृत्य शैली स दर्शक क दिल जीत लेलथि।
सूफी गायन मे सद्भाव क संदेश
सांगीतिक समारोह मे सूफी गायन क प्रस्तुति स साम्प्रदायिक सद्भाव क संदेश देल गेल। सूफी गायन क क्षेत्र मे राज्यक प्रतिभाशाली कलाकार राजू मिश्रा अपन साथी कलाकार क ंग अमीर खुसरो क कलाम आज रंग है, आज रंग है.. स केलथि। खासकए, प्रसिद्ध संगीतकार बृजबिहारी मिश्र क संगीत निर्देशन सेहो कर्णप्रिय रहल।
‘उठो सहेली, घूंघट खोलो, नया सबेरा आया है’
महिला कामाख्या द्वारा संचालित महिला शिक्षण केन्द्र, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर आ गया क कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय स चयनित 51 लड़की क टोली प्रेरक गीत- उठो सहेली, घूंघट खोलो, नया सबेरा आया है, सूर्य ने बांहें फैलाकर, हमको आज बुलाया है..। क शानदार झांकी पेश केलथि। एहि प्रेरणादायक गीत मे नारी सशक्तीकरण आ लड़की मे शिक्षा क प्रति बढ़ल रुचि क अलावा महिला क सर्वागीण विकास कए बड़ खूबसूरत अंदाज मे पेश कैल गेल
बच्चा सब पेश केलक-‘मैं बिहार हूंÓ
किलकारी संस्था क बच्चा सब श्रीकांत लिखित आ रविभूषण निर्देशित मैं बिहार हूं क नाट्य प्रस्तुति केलथि। सांस्कृतिक समारोह क संचालन डॉ सोनी, अश्विनी अभिषेक, कालेश्वर ओझा, अभिमन्यु प्रसाद मौर्य आ हृदय नारायण झा केलथि।
‘हमें गर्व है कि हम बिहारी हैं’
पटना गांधी मैदान मे बिहार दिवस पर आयोजित समारोह मे शहर क संग-संग दूरदराज क गाम स सेहो लोक अपन अतीत कए तकबा लेल पहुंचल। कतहु अशोक क काल क चर्चा भ रहल छल त कतहु मगध साम्राज्य पर बहस जारी छल। सांस्कृतिक कार्यक्रम क दौरान रहि-रहि कए गर्व से कहो हम बिहारी हैं क लोक नारा लगा रहल छल।