पटना। राज्य सरकार भ्रष्टाचार क मामला उजागर करि एहि मे लोकसेवक कए बेनकाब करनिहार कए 50 हजार तक क पुरस्कार राशि प्रदान करै जा रहल अछि। लोकसेवक क दायरा मे विधायक, सांसद आ अधिकारी सब गोटे अबैत छथि। पुरस्कार प्रदान करबा लेल गुप्त सेवा कोष आ पुरस्कार कोष क निगरानी विभाग मे गठन भ चुकल अछि। भ्रष्टाचार खत्म करबाक लेल एक दिस दिल्ली मे अन्ना अनशन पर छथि तो दोसर दिन बिहार मे राजग सरकार के कए बाद एक कानून आ योजना आनि कए केंद्र क समक्ष मजबूत उदाहरण प्रस्तुत कए रहल अछि।
एहि योजनाक संबंध मे उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी कहला जे एनडीए सरकार भ्रष्टाचार क मोर्चा पर पहिने स काज करि रहल अछि। लोक कए सेहो एहि दैत्य क सफाया मे सहयोग करबाक चाही। जे एहि काज मे सहयोग करत ओकरा पुरस्कार देल जाएत। पुरस्कार मे ग्यारह हज़ार स पचास हज़ार टका आ एकटा प्रशस्ति पत्र देल जाएत। ओ कहला जे भ्रष्टाचार क मामला क सुनवाई क लेल छह विशेष कोर्ट बनाउल गेल अछि। गवाह कए एबा-जेबा लेल खर्च अर्थात बस भाड़ा अथवा द्वितीय श्रेणी एसी स्लीपर क किराया देले जा रहल अछि। एकर अलावा हुनका भोजनादि लेल दू दिन तक दू सौ रोज देबा क प्रावधान कैल गेल अछि। मोदी कहला जे पूर्व स बनल भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 क धारा 13 (1) क तहत आय स बेसी संपत्ति क 87टा मामला दर्ज भेल अछि जाहि मे स 19टा मामला मे संपत्ति जब्त करबाक लेल विशेष अदालत मे मुकदमा कैल गेल अछि। जाहि मे 23.22 करोड़ क संपत्ति निहित अछि। मोदी कहला जे आय स बेसी संपत्ति मामले मे छानबीन करि जब्ती क कार्रवाई कैल जा रहल अछि। पांचटा केस मे कोर्ट संपत्ति जब्त करबाक आदेश देलक अछि। ओहि मे स तीन गोटे अपील मे सर्वोच्च न्यायालय मे गेल छथि, जाहि मे आईएएस एस.एस.वर्मा, सहायक पटना कोषागार गिरीश वर्मा आ परिवहन विभाग क प्रवर्तन अवर निरीक्षक कपिलमुनि राय शामिल छथि। आईएएस वर्मा क अपील खारिज भ चुकल अछि। ज्ञात होई जे मुख्यमंत्री बिहार मे लोकपाल बिल क पहिने सहमति द देने छथि आ घोषणा केलथि जे बिहार मे मुख्यमंत्री पद सेहो लोकपाल क दायरा म रहत।