राहुल सिंह
नई दिल्ली। दिग्गज नेता जसवंत सिंह एक बेर फेर भाजपा मे आबि गेलाह। पार्टी क आला नेता पुष्प-गुच्छ स हुनकर स्वागत केलथि आ हुनका विदेश, अर्थ आ सुरक्षा नीति क पारंगत घोषित केलथि। जसवंत स ठीक पहिने, ‘चोर दुहारिÓ यानी राज्यसभा क बाट स एकटा आओर पुराने भाजपाई राम जेठमलानी क भाजपा मे वापसी भेल। जसवंत आ जेठमलानी दूनू 1980 मे जनसंघ क दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी क नेतृत्व मे भाजपा क संस्थापक सदस्य छथि। तखन हिनकर पार्टी मे प्रभावी हैसियत छल आ आइ फेर एक बेर प्रभावी हैसियत बनल अछि।
इ अलग गप अछि जे पार्टी जसवंत क जेकां ढोल-नगाड़ा स जेठमलानी क स्वागत करबाक साहस नहि जुटा सकल। जेठमलानी समय दर समय भाजपा या फेर एकर सर्वोच्च नेता अटल बिहारी वाजपेयी क लानत-मलामत करबा मे कोनो कसर नहि छोड़लाह। जाहि अफजल गुरु कए फांसी देबा लेल भाजपा आफन तोडऩे अछि ओकरा बचेबा लेल जेठमलानी लागल छथि।
दोसर दिस, भाजपा आ ओकर पितृ संगठन राष्टï्रीय स्वयंसेवक संघ क बहुप्रचारित मान्यता क विरुद्घ जसवंत सिंह अपन पुस्तक मे देश क विभाजन मे जिन्ना क भूमिका कए खारिज केलथि। एतबे नहि ओ संघ क लेल आदर्श रहल सरदार पटेल पर सेहो अंागुर उठेलथि। एकर बाद हुनका पार्टी स निकालल गेल आ फेर आनल गेल। एहि ठाम इ प्रश्न उठैत अछि जे भगवा पार्टी क मान्य विचारधारा बदलि गेल अछि या जसवंत सिंह आ जेठमलानी अपन पुरान स्थापना स मुंह फेर चुकल छथि। आ अगर एहन नहि अछि त इ कहबा मे हर्ज नहि जे एखुनका भाजपा मे नहि चलैत अछि आग पुरान मानक।
समय बदलल। चेहरा बदलल आ भाजपा क चरित्र सेहो बदलि गेल। इ चिंतन क विषय अछि जे डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी आ पंडित दीनदयाल उपाध्याय जे मानक गढ़लाह-रचलाह ओहि पर भाजपा केतबा कायम है? मुदा सवाल इ सेहो अछि जे भविष्य मे संगठन अटल बिहारी वाजपेयी कए सेहो एहिना कात करि देत जेना आइ डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी आ पंडित दीनदयाल उपाध्याय कए करि देलक अछि। नहि त वाजपेयी कए जीते-जी हुनकर लानत-मलामत करनिहार जेठमलानी कए पार्टी मे आनि मोदी कए खुश करबाक चेष्टïा कोनो भेल। एहन विरोधाभाषी स्थिति मे कार्यकर्ता कोनो तारतम्य बनेताह? जसवंत सिंह एहि पर चुटकी लैत कहला जे ‘हम पापी भला कौन काजकÓ। बहरहाल, इ सवाल मौजूं अछि जे संघ आ भाजपा क सिद्घांत स रत्ती भरि नहि ढगनिहार उमा भारती आ बाबूलाल मरांडी एखनो पार्टी स बाहर छथि। किया पता नहि….