दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय क स्नातकोत्तर स्तर पर मैथिली पढनिहार छात्रक संख्या मे अप्रत्याशित बढोतरी दर्ज कैल गेल अछि। ओना वर्तमान दशक मे भाषा साहित्य पढनिहार छात्र क संख्या मे कमी आयल अछि तथापि आन भाषा मे तुलना क आधार पर मैथिली भाषा क क्रेज बढैत नजरि आबि रहल अछि। एकर पाछु दूटा कारण अछि। एकटा मैथिली कए लोकसेवा आयोग मे स्थान आ दोसर राजगार मे बढैत अवसर। उपलब्ध आंकडा बतबैत अछि जे गत चारि सत्र मे प्रत्येक सत्र मे अंग्रेजी पढनिहार क संख्या सबस बेसी जरूर रहल मुदा अन्य भाषा क तुलना में मैथिली क बढोतरी सबस बेसी रहल। उल्लेखनीय अछि जे एहि विवि मे कुल पांचटा भाषा आ साहित्य क पढ़ाई होइत अछि। जाहि मे अंग्रेजी, हिन्दी, संस्कृत, उर्दू आ मैथिली भाषा क शोध संस्कृति सेहो समृद्धि रहल अछि। आंकडा क अनुसार सत्र 07-08 में मैथिली में हिन्दी( 05) स बेसी 06टा छात्र छलथि। ओतहि सत्र 08-09 मे मैथिली भाषण मे छात्र क संख्या सबस कम 03 छल। सत्र 09-10 मे मैथिली मे इ संख्या बढि कए 11 भ गेल जखन कि सत्र 10-11 मे मैथिली मे 28 क आंकडा कए छुबि लेलक। एहि प्रकार स देखल जाए त सत्र 08-09 मे तीनटा छात्र स मैथिली सत्र 10-11 मे नौ गुना स बेसी 28 टा छात्र तक पहुंच चुकल अछि। एहि पाछु कारण क पड़ताल करबाक क्रम मे स्नातकोत्तर क छात्र रहल अरविंद कुमार झा कहैत छथि जे मैथिली मे अवसर बढि रहल अछि। वैश्रि्वक स्तर पर सेहो मैथिली क मांग बढल अछि। पिछला दू तीन साल मे मैथिली मे रोजगार क नव द्वार खुलल अछि। इ भाषा धीरे धीरे रोजगारपरक सेहो भ रहल अछि। एहि लेल भाषा क लोकप्रियता बढल अछि।
बहुत नीक खबड़ि ।
मोन गदगद भऽ गेल ।
ई तऽ मैथिलीक आधुनिक विकाश यात्राक बस शुरुआत अछि – आगू आओरो निक नीक खबड़ि आओत से आशा नञि विश्वास ।
Ehina unnati hoit rehitei… ta jaldie ‘Agyat Shakti’ ke Naak me nakel kasatei……
bahut nik khabad mon gad gad bha gel
मैथिली मे रोजगार सूनि खुशी लागल , कारण जे किछु रोजगार भेटल देखाइत अछि ओ मात्र हाथउठाइ छी.
Bahut paigh khushkhabri esamaad ke madhyam sa bhetal achhi. Aan University sabh me ki seho Maithili chhatrak sankhya badhal achhi ? Jankari uplabdh karaol jay.
sukhad samachar