नई दिल्ली । राष्ट्रीय महिला आयोग क मानि त बिहार महिला उत्पीडनक मामला मे उप्र आ दिल्ली स काफी पाछु चल गेल अछि। जखन कि उप्र आ दिल्ली मे सत्तक बागडोर महिलाक हाथ मे अछि। वर्ष 2010-11 मे पश्चिमी उत्तर प्रदेश स सबस बेसी मामला महिला आयोग तक पहुंचल। वर्ष 2010-11 मे (28 फरवरी तक) आयोग कए पश्चिमी उत्तर प्रदेश स सर्वाधिक 5,242 शिकायत भेटल। एकर बाद दिल्ली क नंबर अछि। एहि ठाम स 2,188 , पूर्वी उत्तर प्रदेश स 1,461 , राजस्थान स 1,357 , हरियाणा स 818 , मध्य प्रदेश स 668 मामला आयोग तक पहुंचल अछि। जहां तक बिहारक सवाल अछि त एहि ठाम स केवल 437 शिकायत भेटल अछि।
आयोगक आंकडा कहैत अछि जे महिला पर सबस बेसी जुल्म पुलिस करैत अछि। दिल्ली पुलिस कए देशक सबस नीक पुलिस कहनिहार चिदंबरम आ दिल्लीक मुख्यमंत्री शीला दीक्षित क दावा कए झूठ साबित करैत आयोग क आंकडा कहैत अछि जे सबस बेसी शिकायत पुलिस प्रताड़ना आ बर्बरता क भेटल अछि। देश स्तर पर सेहो इ आंकडा सेहो चौकेबा योग्य अछि देश मे एहन कुल 3,744 मामला सामने आयल अछि, जखन कि राष्ट्रीय महिला आयोग कए घरेलू हिंसा आओर वैवाहिक जीवन मे होइवाला विवाद क 2,487 शिकायत भेटल अछि। ओतहि 521 शिकायत कार्यस्थल पर होइवाला विवाद आओर 465 शिकायत दहेज क कारण होइवाला मौत स संबंधित अछि।
आयोग क एनआरआई प्रकोष्ठ कए दिल्ली स 73, उत्तर प्रदेश स 43, हरियाणा स 40, आंध्र प्रदेश स 30 आ पंजाब स 28 शिकायत भेटल अछि।
महिला आयोग आमतौर पर पुलिस उपेक्षा या प्रताड़ना क शिकायत संबंधित राज्य सरकार कए पठा दैत अछि आ कार्य स्थल पर होइवाला यौन उत्पीड़न क शिकायत कए संबंधित संगठन या विभाग क लग मे पठा दैत अछि। किछु शिकायत राज्य महिला आयोगों कए सेहो पठा देल जाइत अछि।