खगडिय़ा से ममता शंकर
बुधदिन, 12 मई, फरकिया क इतिहास मे अंकित भ गेल। राजा टोडरमल क एहि फरकिया मे आइ 21वीं सदी क कुबेर अर्थात बिल गेट्स पधारलथि अछि। खैर, करेह-कोसी क बीच मे अवस्थित कचना बहियार मे बनल हेलीपैड पर 10.05 मे बिल गेट्स क हैलीकाप्टर उतरल आ हैलीकाप्टर स उतरि बिल गेट्स अपन सहयोगी संग आगू बढ़लाह। जतय हुनकर स्वागत-सुरक्षा मे खगडिय़ा डीएम-अभय कुमार सिंह आ एसपी सुधांशु कुमार ठार छथि। बिल गेट्स दूनू स दू शब्द गप करि सीधा एकटा ‘झोपड़ीÓ मे आबिकए डेरा जमा लैत छथि। इ डेरा अलौली, उत्तरबाड़ी टोला क किसान राम उदगार यादव क अछि। राम उदगार बिल गेट्स कए देखिकए अंचभित छथि। हुनका इ पता नहि अछि जे बिल गेट्स के छथि आ किया एलथि अछि। मुदा, देशी आ विदेशी साहब क फरकिया मे आगमन स ओ एतबा बुझि गेलथि अछि जे हुनकर मड़ैया मे आयल व्यक्ति साधारण नहि छथि। बिल गेट्स राम उदगार क टूटल चौकी पर बैसबा मे कोनो संकोच नहि केलथि। हुनकर बगल मे खगडिय़ा डीएम सेहो बैसलाह। ओ एहि ठाम एकटा नीक दुभाषिया क भूमिका निभा रहल छलाह। बिल गेट्स राम उदगार स पूछैत छथि- केतबा जमीन अछि। राम उदगार- पांच बीघा। अगिला सवाल- अपने खेती करैत छी की। राम उदगार क जवाब हां मे होइत अछि। बिल गेट्स- एहिबेर फसल केहन भेल। राम- मकई क बाली मे दाना नहि आयल सरकार, सबकिछु नाश भ गेल। बिल गेट्स बाढ़-पानी क सेहो जानकारी लैत छथि। संगहि मवेशी क बारे मे पूछताछ करैत छथि। दुनिया क दोसर सबस पैघ उद्योगपति राम उदगार स पूछैत छथि एतबा स गुजारा भ जाइत अछि की। राम उदगार- कोनो तरह स गुजारा करि लैत छी सरकार। रामजी स गप क्रम मे कखनो बिल गेट्स क चेहरा पर हंसी छल, त कखनो चेहरा पर विस्मय क भाव छल। एकर बाद बिल गेट्स कोसी नदी क तट दिस बढ़ैत छथि। जतय नौका लाग अछि। ओ नाव पर सवार भ गुलरिया मुसहरी विदा भ जाइत छथि।
बिल गेट्स कए विदाई करबाक बाद राम उदगार अपन बच्चा कए नसीहत दैत अछि- देखब भैंसिया(भैंस) सूरजमुखी क खेत मे नहि जाए। फरकिया मे मकई क सूखल जंगल क बीच कतहू-कतहू सूरजमुखी क गाछ अछि। शायद, बिल गेट्स सेहो फरकिया मे सूरजमुखी साबित भ जाइथि। टोडरमल क फरकिया मे फिलहाल एकर चर्चा अछि। बाकी कोसी माइ जानथि।….
बिल गेट्स कोसी धार क सफर लगभग पंद्रह मिनट तक नौका स केलथि। इ हुनकर जिनगीक अनुपम अनुभव रहल। पतवार क सहारा स चलैत नौका पर सवार भ बिल गेट्स आनंद क अनुभव करि रहल छलाह। घाट क कछैर मे गुलरिया क ग्रामीण हुनकर भव्य स्वागत केलथि। फेर ओ सीधा गाम मे बनल सामुदायिक भवन मे चलि रहल स्वास्थ्य शिविर पहुंचलाह। ओहि ठाम आशा मुन्नी देवी, सेविका ममता देवी, साहायिका अनिता देवी, एएनएम किरण कुमारी आ बीएचएम राम नारायण चौधरी मौजूद छलथि। बिल गेट्स आशा मुन्नी देवी स गप शुरू केलथि, केतबा टका भेटैत अछि। मुन्नी- 2009 क बाद कोनो पैसा नहि भेटल अछि। बिल गेट्स एकर कारण पूछलथि। जिलाधिकारी अभय कुमार सिंह कहलथि जे फंड क अभाव। स्वास्थ्य केन्द्र पर डाक्टर क भूमिका मे बिल गेट्स फेर सवाल केलथि जे एएनएम क नियुक्ति के करैत अछि। उत्तर भेटल-जिला स्वास्थ्य समिति । बिल गेट्स आंगनबाड़ी क संबंध मे विस्तृत जानकारी लेलथि। हुनका जखन इ पता चलल जे एहि ठाम अधिकतर महिला क प्रसव घर पर होइत अछि त ओ हैरान भ गेलाह। हुनका कहल गेल जे जिला मुख्यालय या प्रखंड मुख्यालय मे स्थित अस्पताल तक पहुंचबा लेल दूटा नदी (करेह आ कोसी) पार करबाक मजबूरी अछि। एहि कारण लोक अस्पताल तक नहि जाइत छथि। लगभग डेढ़ घंटा तक पंचायत भवन मे सवाल- जवाब चलैत रहल। दवाई रखबाक तरीका पर ओ हैरानी जतेलाह। सरकारी पक्ष क जवाब सुनिकए संतुष्ट नहि भेलाह। जखन हुनका बाढि़ क दिन मे एहि ठामक लोककजिनगी क संदर्भ मे बताउल गेल, त हुनकर मुंह स अनायास निकलल- हाउ केन इट बी पासेबुल। गरीबीक नव रूप देखि दुखी आ अचंभित भाव लेने ओ सच्चाई कए तकबा लेल टाट स झांकैत गरीब क घर मे जा बैसलाह। सोमा हालत कए अपन नंगी आंखि स देखलाक बाद भाषाक मजबूरी खत्म भ गेल छल । ओ सोमा देवी स पूछलथि- कतेक संतान अछि। सोमा- सात टा। टीकाकरण क संदर्भ मे सवाल केलथि। फेर ओ साठ वर्षीय आशिक सदा क घर घुसलाह। सदा स हुनकर जमीन क ब्योरा, रोजगार क साधन स संबंधित सवाल पूछलथि। बिल गेट्स गरीब क घर मे बनल माटिक चूल्हा देखिकए हैरान छलाह। ओ पूछलथि जे कि भारत क अधिकांश घर मे एहने चूल्हा पर खैनाइ बनैत अछि। उत्तर भेटल जे गाम मे एकमात्र साधन एहने चूल्हा अछि। ढाई घंटा बिल गेट्स लेल कम भ गेल। मुदा समय निर्धारित छल ग्रामीण क हुजूम आ अधिकारीक फौज क बीच बिल गेट्स क काफिला कोसी नदी दिस बढ़ल। नौका विहार क आनंद लैत ओ अपन हेलीकाप्टर तक पहुंचलाह। 12.35 मे हुनकर हेलीकाप्टर बांका क लेल रवाना भ गेल। जाइत-जाइत ओ कहला- अहांक हालात क संबंध मे हम मुख्यमंत्री स गप करब।
बिल गेट्स पर कई कहानियाँ हैं ,
मसलन एक दिन उन्होंने एक मछुआरे को समुद्र के किनारे आराम से मछली पकड़ते देखा और बोले, भले आदमी ! अभी तुम्हारी उम्र आराम से मछली पकड़ने की नहीं है. जाकर मेहनत से कोई कम क्यों नही करते?
“उससे क्या होगा? ” आदमी ने कहा.
“उससे तुम खूब पैसे कमाओगे.”
“फ़िर”
” फ़िर उस पैसे को नियोजित ढंग से निवेश करके और पैसा कमा सकते हो”
“और फिर?”
“और फ़िर तुम्हारी सारी दौलत और दौलत कमा सकती है.”
“लेकिन फ़िर ?” उस आदमी ने पूंछा.
“और फिर तुम रिटायर्मेंट लेकर आराम से यहाँ आकर मछली पकड़ सकते हो?” बिल ने झुंझलाते हुआ कहा.
“उसके लिए इतना करने की क्या जरूरत है? मैं तो अभी आराम से मछली पकड़ रहा हूँ!:”
— और आज बिल गेट की जिंदगी में वही हो रहा है.
यदि बिल गेट ने यह सब न किया होता तब भी वहीं होता और शायद दुनिया
आज से थोड़ा अलग होती!