पटना। वित्तमंत्री सुशील मोदी बुधदिन जे बिहारक आर्थिक सर्वे रिपोर्ट विधानसभा मे पेश केलथि अछि ओ इ साबित करैत अछि जे एखनो बिहार देश संग कदमताल करबा लेल तैयार नहि भ सकल अछि। कोनो राज्यक विश्वासक मानक तय करबा मे सीडी रेशियो क बड महत्व अछि। सीडी रेशियो यानी बैंकों मे प्रदेश क लोक क जमा कराउल गेल राशि क विरुद्ध बैंक द्वारा देल गेल कर्ज। राष्ट्रीय औसत 75 फीसदी क अछि मुदा बिहार मे वृद्धि क बावजूद 34 फीसदी पर सिमटल अछि। अर्थात जखन बिहारी 100टका बैंक मे जमा करैत अछि त ओकरा महज 34टका कर्ज क रूप मे भेटैत अछि। जखन कि सीडी रेशियो तुमिलनाडु मे 114 फीसदी, राजस्थान मे 90 फीसदी, महाराष्ट्र मे 81 फीसदी, प.बंगाल मे 64 फीसदी आओर मध्य प्रदेश मे 60 फीसदी अछि। एहन गप नहि अछि जे बिहार मे लोक बैंक मे टका नहि राखि रहल अछि। सितम्बर 2011 मे बिहार क सबटा बैंक शाखा क कुल जमा 122934 करोड़ छल, जखनकि ऋण मात्र 43003 करोड़। आखिर बिहार मे जमा टका कोन राज्यक विकास मे लागि रहल अछि। वर्तमान आंकडा बैंकक बिहार संग व्यवहार कए सेहो देखार क रहल अछि। वर्तमान रेशियो 1990 क दशक क उदारीकरण क आरंभिक वर्ष स सेहो काफी कम अछि। तखन सीडी रेशियो 40 फीसदी छल। जखन नीतीश सरकार आ पूरा देश इ दावा क रहल अछि जे बिहार मे विकास भ रहल अछि आ बिहार निवेश लेल सुरक्षित जमीन अछि त फेर बैंक आखिर बिहार पर विश्वास किया नहि करि रहल अछि। बिहार मे बैंकक शाखा दूनू हाथ स टका बटोरि रहल अछि मुदा कर्ज देबा काल हाथ खोलबा परहेज कैल जा रहल अछि। आंकडा कहैत अछि जे मार्च 2011 क अंत मे व्यावसायिक बैंक क कुल 4348 शाखा मे 56.2 फीसदी ग्रामीण क्षेत्र मे छल। एहि अवधि मे प्रदेश मे क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक क 1537 शाखा छल। ग्रामीण बैंक मे 2007 मे कुल जमा राशि 7210 करोड़ क करीब छल। 2011 मे इ बढिकए 13735 करोड़ स बेसी भ गेल। बिहार मे अनुसूचित व्यावसायिक बैंक मे कुल जमा राशि 2010-11 मे पिछला साल क मुकाबला मे 17700 करोड़ टका बढल अछि। एकर बावजूद बैंक कर्ज देबा स भागि रहल अछि आ बिहारक शाखा मे जमा राशि स आन राज्य मे हाथ खोली कए कर्ज बांटल जा रहल अछि।