आई पटना स ल कए अमेरिका तक बिहार क बदलाव चर्चा क विषय बनल अछि। पिछला लगभग पांच साल स नीतीश कुमार राज्यक मुखिया छथि। एकटा वर्ग एहि लेल हुनका श्रेय द रहल अछि। दोसर वर्ग सडक, बिजली आ उद्योग क हालत देखी विकासक गति मापबाक प्रयास करि रहल अछि। मुदा बिहार मे जे चुपचाप क्रांति भ रहल अछि ओकरा दिस ककरो ध्यान नहि जा रहल अछि। सच मानू त बिहार कए बदलिनिहार ओकर गाम आ शहर क लोक अछि जे बिना कोनो अखबार मे विज्ञापन निकाली अपन काज स अपन आ राज्यक सामाजिक आर्थिक आ राजनीतिक विकास कए रहल अछि। किया कि बिहारक मे जे बदलाव भ रहल अछि ओ कोनो एकटा नेता या एकटा तार्किक सिद्धांत क बल पर नहि भ सकैत अछि। समाद एहने किछु लोकक संबंध मे समय समय पर जानकारी दैत रहल अछि। एहि नव कडी मे प्रस्तुत अछि समदिया क तीन गोट खास रपट जाहि मे एहन बिहार नवनिर्माता क बारे मे बताउल गेल अछि जे अपनो नहि बुझि पाबि रहल अछि जे ओ राज्यक विकास लेल भ रहल खामोश क्रांतिक अग्रदूत छथि।
मुखिया जी करि देलथि कमाल
झंझारपुर (मधुबनी)। इतिहासक राजा जेका आमतौर पर मुखिया क इमेज नीक नहि अछि, मुदा एकटा मुखिया एहनो छथि जे लोकक आंखिक नूर बनल छथि। सियासी कारनामा लेल नहि बल्कि उल्लेखनीय सेवा क कारण। जी हां, इ मुख्यिा छथि नरुआर निवासी सुजीत कुमार मिश्र। मिश्र झंझारपुर, फुलपरास आ निर्मली अनुमंडल क लाइफ लाइन कमला-बलान रेल सह सड़क पुल क जीर्णाेद्धार करवा कए समाज क सामने अद्भुत उदाहरण पेश केलथि अछि। ज्ञात हुए जे इ रेल सह सड़क पुल जर्जर भ गेल छल। रेलवे लाइन क टूटल पटरी मे फंसिकए रोज किछु न किछु हादसा होइत छल। नरूआर आ झंझारपुर बीच एहि पुल बंद भेला स झंझारपुर शेष बिहार स कटि जाइत अछि। दुर्भाग्य रहल जे जगन्नाथ मिश्र एहि क्षेत्र स विधायक होइत रहलाह आ तीन बेर मुख्यमंत्री भेलाह, मुदा एहि पुलक विकल्प त छोडू एकर मरम्मत तक करेबाक प्रयास नहि केलथि, रेल मंत्रालयक रहमोकरम पर एहि पुल स बस गाडी चलैत रहल। मुदा एकर मरम्मत नहि हेबा स इ खतरनाक बनि गेल छल। मुखिया बनलाक बाद सुजीत कुमार मिश्र एकर मरम्मत लेल रेलवे अधिकारी स कई बेर पत्राचार केलथि, मुदा कोनो कार्रवाई नहि भेल। अंत मे मिश्र रेलवे अधिकारी स पुल क ऊपरी हिस्सा क जीर्णाेद्धार करेबा लेल अभियंता क टीम आ कुशल कारीगर देबाक मांग केलथि। एकर बाद 9 जून कए अभियंता क टीम पहुंचल आ पटरी कए ठीक करबा मे जुटल । फेर मुखिया जी अपन टका खर्च करि सड़क क कालीकरण करा देलथि अछि। आब पुल पर वाहन सरपट दौड़ैत अछि। कमालक गप इ अछि जे इ पुल मुखिया जी क पंचायत मे नहि अबैत अछि। मुखिया क सामाजिक सरोकार स जुडल काज कए सर्वत्र प्रशंसा भ रहल अछि। मिश्र कहैत छथि इ आर्थिक रूप स संपन्न लोक लेल मैसेज अछि, जे अगर बिहार कए बदलबाक अछि त सरकारक भरोसे नहि रहबाक चाही।
ग्रामीण बना रहल छथि बांध
सीतामढ़ी । शासन, प्रशासन आ जनप्रतिनिधि क वादा खिलाफी स तंग आबि कए भिट्ठा धर्मपुर क ग्रामीण साढ़े तीन किमी लंबा बांध बनाकए एकटा नव मिसाल कायम केलथि अछि। पुपरी प्रखंड मुख्यालय स करीब सात किमी दूर एहि गाम क लोक क पहल पर पुपरी- सुरसंड पथ स्थित अधवारा नदी पर बीररबा मे बांध क निर्माण कराउल जा रहल अछि। बांध लगभग बनिकए तैयार भ चुकल अछि। ग्रामीण चंदा इकट्ठा करि दू मई स बांध निर्माण मे जुटल छथि। ग्रामीण एकरा लेल बांध निर्माण समिति क गठन सेहो करि रखने छथि। सबकए अलग-अलग जिम्मेदारी देल गेल अछि। ट्रैक्टर भाड़ा पर लेल गेल अछि। चंदा स जुटाउल गेल राशि स ट्रैक्टर आ किछु मजदूर कए मजदूरी सेहो देल जा रहल अछि। जे आर्थिक मदद देबा मे समर्थ नहि छथि ओ श्रमदान करि रहल छथि। एहि बांध निर्माण मे कुल 80-85 गोटे लागल छथि। बांध 15 फीट चौड़ा अछि। 75 दिन क भीतर तीन किमी बांध क निर्माण पूरा करि लेल गेल अछि। ग्रामीण क अनुसार 20 जुलाई तक बांध बनिकए तैयार भ जाएत।
ज्ञात हुए जे अधवारा नदी स मचल तबाही पर काबू पेबा लेल आ कृषि योग्य जमीन कए बचेबा लेल एहि बांध क निर्माण पुपरी क तत्कालीन विधायक हबीब अहमद बीरारी 1977 मे करौने छलाह। हुनकर नाम पर एकर नाम बीरारी पड़ल। बाद मे इ बीररबा क नाम स जानल गेल। निर्माण क बाद बीररबा, डुम्हारपट्टी, बउरा बाजितपुर, हरदिया, कुशैल, रामनगर, बेदौल, बलहा मधुसूदन पंचायत क संग-संग सुरसंड आ चोरौत प्रखंड क अलावा दरभंगा क जाले भरवाड़ा तक क जमीन सोना उगलए लागल, मुदा मरम्मत क अभाव मे बांध जर्जर भ गेल। फेर 1985 मे इ ध्वस्त भ गेल। नीतीश कुमार क सरकार बनलाक बाद लोक लगातार सरकार स गुहार लगबैत रहल, मुदा कियो नहि सुनलक। फेर की छल एक मई स मजबूत संकल्प क संग लोक खुद बांध निर्माण क बीड़ा उठा लेलक। एखन तक बांध निर्माण पर ढ़ाई लाख खर्च भ चुकल अछि।
..आओर मोड़ देलथि नदी क धार
नरकटियागंज (प.च.) । अगर बिहारी ठान लिए त किछु ओकरा लेल असंभव नहि अछि। गौनाहां प्रखंड क करीब आधा दर्जन गाम क लोक इंडो-नेपाल सीमा क भिखनाठोरी बॉर्डर पर किछु एहने करि देखेलक अछि। ग्रामीण उजली पहाड़ी क समीप सिंचाई क लेल पंडई नदी क धारा कए मोड़ि देलथि अछि। पहाड़ी नाला क रुख आब खेत दिस अछि आ एहि स सात सौ एकड़ भूमि मे सिचाई संभव भ सकल अछि।