कहलगांव । विक्रमशिला मे भगवान बुद्ध आ अतीश दीपांकर क मंदिर निर्माण आ बौद्ध शिक्षण केंद्र खेलबा लेल मलकपुर आ अंतीचक मौजा मे सुखदेव मंडल क नौ एकड़ सात डिसमल जमीन अमरजीत सिंह आ योनजिंन रिनपोन्ची क नाम खरीद कैल गेल अछि। एकर अलावा लगभग दू बीघा जमीन रास्ता क लेल अर्जित कैल गेल अछि। मंगलदिन एहि अर्जित जमीन पर बौद्ध भिक्षु भूमि पूजन केलथि।
एहि अवसर पर तिब्बत क गुरु गोंसर रिन्पोंछ कहला जे विक्रमशिला आबि कए बहुत नीक लागल। पहिने विक्रमशिला क नाम अतीश दीपांकर द्वारा रचित ग्रन्थ मे पढ़ने रही मुदा स्थल क पता नहि चलि पाबि रहल छल। पुरातत्व आ सर्वेक्षण विभाग क रिपोर्ट मे एहि ठामक बारे मे जानकारी भेटल। आब त एहि ठाम स घर सन लगाव भ गेल अछि। अतीश दीपांकर श्री ज्ञान विक्रमशिला विश्वविद्यालय क गुरु आचार्य छलाह। ओ कहला जे एक हजार साल पहिने तिब्बत मे बौद्ध धर्म आ अन्य ज्ञान क छटा बिखेरल छल। आइ हुनकर किताब विभिन्न भाषा मे रूपांतरित भ कए कईटा देश मे पढ़ाउल जा रहल अछि। तिब्बत मे अतीश दीपांकर कए शिक्षा रूपी भगवान मानल जाइत अछि। हुनकर पूजा कैल जाइत अछि।
ओ कहला जे ताहि लेल एहि ठाम सेहो अर्जित जमीन पर भगवान बुद्ध आ अतीश दीपांकर क प्रतिमा स्थापित करि भव्य मंदिर बनाउल जा रहल अछि। संगहि बौद्ध शिक्षा केंद्र खोलल जा रहल अछि।
अतीश दीपांकर सोसायटी क बैनर तर इंटरनेशनल रफ्तेन फाउंडेशन क 66 सदस्यीय बौद्ध भिक्षु क दल मे बुजुर्ग, युवा आ महिला सेहो छथि। एहि दल मे तिब्बत, इंडोनेशिया, मंगोलिया, स्वीटजरलैंड, चेकोस्लोवाकिया आदि देशक भिक्षु छथि। स्थानीय लोक घोघा आ विक्रमशिला मे हिनकर जोरदार स्वागत केलक।