पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आइ सबटा अटकल कए विराम द इ घोषणा करि देलथि जे ओ एक बेर फेर विधान परिषद लेल चुनाव लडताह। नीतीश कहला जे ओ कोनो मजबूरी क कारण नहि बल्कि अपन इच्छा स विधानपरिषद क सदस्य बनल छलाह आओर फेर बनताह। बिहार विधानपरिषद क प्रथम बैसार क कार्यवाही क 100 वर्ष पूरा भेला पर मे पटना कालेज मे आयोजित शताब्दी बैसार मे नीतीश कहला जे विधानपरिषद गरिमा क सदन छी। हम एहि ठाम कोनो मजबूरी क कारण नहि बल्कि अपन इच्छा स सदस्य बनल छी। फेर स एहि सदन क सदस्य चुनि कए आयब। हमरा चुनाव लड़बा स के रोकि सकैत छल। विधानसभा क चुनाव नहि लड़बा लेल विपक्षी दल क आलोचना क अकसर शिकार रहनिहार नीतीश कहला जे पार्टी कहलक जे बहुत चुनाव लडि चुकलहुं आब पूरा बिहार क प्रतिनिधित्व करबाक अछि। एहि लेल हम उच्च सदन क सदस्य छी। ओ कहला जे हम असगर नहि छी बल्कि उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी आ चारिटा अन्य लोक जे सरकार मे मंत्री छथि ओ सेहो विधानपरिषद क सदस्य छथि। नीतीश कुमार कहला जे लोक विधानपरिषद क औचित्य क गप करैत छलाह आब त विधान परिषद मजबूत भ रहल अछि। पहिने सेहो लोक एहि सदन क सदस्य रहैत मुख्यमंत्री चुनल गेल छथि। आइ सेहो मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री आ चारिटा अन्य मंत्री उच्च सदन क सदस्य छथि। ओ कहला जे संविधान संशोधन क अनुसार विधानसभा क सदस्य क संख्या क 15 फीसदी स बेसी मंत्रिमंडल क सदस्य नहि भ सकैत अछि। बिहार मे अधिकतम 36 सदस्य भ सकैत छथि आ विधानपरिषद स छह गोटे सरकार मे छथि।