पटना। बिहार क ऐतिहासिक विरासत मे एकटा आओर अतिप्राचीन कालखंड जुडि गेल अछि। आर्कियोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया (एएसआइ) क अनुमति स काशी प्रसाद जायसवाल शोध संस्थान समस्तीपुर क पांडव (पांड) नामक स्थान पर उत्खनन मे छह हजार वर्ष पुरान मानव सभ्यता तकलक अछि। बीरबल साहनी इंस्टीच्यूट आफ पालियोबाटनी, लखनऊ उत्खनन मे प्राप्त पुरावशेष क रेडियोकार्बन डेटिंग स एकर पुष्टि केलक अछि। काशी प्रसाद जायसवाल शोध संस्थान द्वारा उत्खनन क उद्देश्य एहि क्षेत्र मे मानव सभ्यता आ संस्कृति क उत्पत्ति आ विकास क काल-क्रम क पता लगेने छल। 1999 मे पहिल बेर संस्थान द्वारा पांडव स्थान मे उत्खनन कार्य प्रारंभ करौल गेल छल। मुदा अपरिहार्य कारण स बीच-बीच मे उत्खनन कार्य कए रोकल गेल आ फेर 2010 मे खोजकर्ता कए सफलता भेटल। खुदाई मे टेराकोटा क कलाकृति, ईटा स बनल कईटा संरचना सेहो प्राप्त भेल अछि। एतबे नहि, एहि पुरास्थल स नवपाषण युग स लकए गुप्तकाल तक क पुरातात्विक संस्कृति प्रकाश मे आयल अछि। ओना संस्थान द्वारा उत्खनन मे हासिल वस्तु आओर ओहि स संबंधी रिपोर्ट कए सार्वजनिक नहि कैल गेल अछि। मुदा पूरा रिपोर्ट कए वैज्ञानिक तरीका स लिपिबद्ध आ सूचीकरण कराउल जा रहल अछि, ताकि एहि पुरातन इतिहास कए भविष्य क लेल सुरक्षित रखल जा सकए।
दोसर, दिस गुमनामी क अन्हार सुरंग मे समा चुकल बौद्ध विहार स जुड़ल स्थल कए तकबाक आ ओकर सूचीकरण क जिम्मा सरकार पुरातत्व निदेशालय आ अन्य संबंधित संस्था कए देने अछि। आब एहि दिस सेहो काज आगू बढि गेल अछि। ताजा जानकारी क अनुसार नव स्थल भेटब शुरू भ गेल अछि। नालन्दा जिला मे घोसरामा आ तेतरामा एहन स्थल अछि जे बुद्धकालीन बताउल जा रहल अछि आ ओकर संबंध बौद्ध विहार स अछि। खोज क दौरान लखीसराय मे अशोकधाम आ जहानाबाद क कौआडोल क संदर्भ मे जे शिलालेख आ मूर्ति भेटल अछि ओहि स सेहो इतिहास क गर्भ में नुकायल कईटा रहस्य क ऊपर स परदा उठबाक संभावना अछि। राज्य पुरातत्व निदेशालय क एकटा आला अधिकारी क कहला जे केवल नालन्दा जिला मे साढ़े चार सौ स बेसी एहन पुरातत्व स्थल क पता चलल अछि, जेकरा टूरिज्म सर्किट स जोडि देल जाए त राज्य मे नालन्दा पर्यटन क पैघ केन्द्र भ जाएत। मुदा राज्य सरकार क प्रयास अछि जे राज्य मे जितबा पुरातत्व स्थल अछि, सबटा कए समान रूप स पर्यटन क मानचित्र पर स्थापित कैल जाए। एकरा लेल संबंधित एजेंसी कए योजनाबद्ध तरीका स काज करबाक निर्देश देल गेल अछि।