पटना। नेता प्रतिपक्ष अब्दुल बारी सिद्दीकी क आरोप अछि जे अपराधी कए सजा दिएबा मे पुलिस क दावा खोखला भेल जा रहल अछि। ओ मुंगेर क तत्कालीन आरक्षी अधीक्षक केसी सुरेन्द्र बाबू हत्याकांड क हवाला दैत कहला जे एकर सबटा अभियुक्त बरी भ गेलाह। जखन कि एसपी हत्याकांड क कुल 22टा गवाह मे 20टा पुलिसकर्मी छलाह, केवल 2टा गवाह आम नागरिक छलाह। गौरतलब अछि जे पुलिसकर्मी एहि मामला मे गवाही नहि देलथि। नतीजतन, मुंगेर क अपर सत्र न्यायाधीश सबटा अभियुक्त कए बरी करि देलथि। सिद्दीकी कहला जे प्रदेश क जनता इ जानकारि मांगि रहल अछि जे आखिर निचला अदालत क उक्त फैसला क खिलाफ सरकार ऊपर क अदालत मे किया नहि गेल आ कौन स्थिति मे एहि मामला क स्पीडी ट्रायल नहि भेल?
ओ कहला जे एहि मे दू राय नहि जे इ हत्या राजद शासन मे 5 जनवरी, 2005 मे भेल, मुदा अनुसंधान त वर्तमान सरकार क दायित्व बनैत अछि। सिद्दीकी क अनुसार एहि स इ सेहो साबित होइत अछि जे एहि कांड मे या त आनन-फानन मे निर्दाेष लोक कए फंसाउल गेल, जे अंततः न्यायालय मे साबित नहि भ सकल या फेर सरकार अपराधी कए बचाव करि रहल अछि। हुनकर कहब अछि जे एहि मामला स इ सेहो बुझा रहल अछि जेना सरकार स्पीडी ट्रायल क बतौर हथियार इस्तेमाल करि रहल अछि।