नई दिल्ली। कई हजार साल बाद बेगूसराय स्थित सिमरिया क पावन गंगा तट पर लागि रहल कुंभ मेला क तैयारी कए लकए देश क राजधानी दिल्ली मे हलचल तेज भ गेल अछि। रविदिन दिल्लीक बिरला मंदिर परिसर मे सिमरिया अर्ध कुंभ पर विशाल जनसभा आ संगोष्ठी क आयोजन भ रहल अछि।
कुंभ मेला क एहि आयोजन कए शंकराचार्य सहित देश क तमाम विशिष्ट संत क आशीर्वाद आ शास्त्रीय सहमति भेट चुकल अछि। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय आ कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय क विद्वान सहित देश क अन्य विद्वान सब बैठक करि वर्ष 2011 क अक्टूबर-नवंबर मे सिमरिया अर्ध कुंभ कए पंचांग सम्मत सम्मति देलथि अछि।
एहि आयोजन क जानकारी देश क राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष सहित विशिष्ट लोंक कए देल जा चुकल अछि। अर्ध कुंभ मे पांच विशेष पर्व स्नान होएत। मेला मे देश भरि क संत-महात्मा आओर श्रद्धालु क जुटान हेबाक उम्मीद अछि।
इतिहास क गप करि त कोनो समय देश भरि क बारहटा स्थान पर बारह राशि क हिसाब स बारह कुंभ लगैत छल। बाद मे प्रयाग, हरिद्वार, उज्जैन आ नासिक कुंभ बचल रहल। कुरुक्षेत्र, गोहाटी, सिमरिया, जगन्नाथपुरी, कुंभकोणम आ रामेश्वरम क कुंभ समय क संग अतीत क हिस्सा भ गेल।
हजार साल बाद संत-महात्मा, विद्वान, धर्मप्रेमी जनता आओर सरकारी कोशिश स कुंभ क एहि महान पंरपरा कए जीवित करबाक कोशिश भ रहल अछि।