गिरिंद्र नाथ
नई दिल्ली। मैथिली क ऑनलाइन प्रसार तेजी स भ रहल अछि। ब्लॉग क दुनिया मे मैथिली मेे साहित्य लिखल जा रहल अछि। तमाम मैथिली ब्लॉग पर समसामायिक विषय पर गंभीर चर्चा भ रहल अछि, जे एहि भाषा कए नवीनता द रहल अछि। मैथिली साहित्य पर चर्चा एकरा आओर गंभीर बना रहल अछि। एकर स्तर कोनो आन क्षेत्रीय भाषा स कम त नहि अछि, बल्कि हिंदी आ अंगरेजी स सेहो कम नहि कहल जा सकैत अछि। किछु एहने हाल सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स क सेहो छै। फेसबुक, ऑरकुट जेहन साइट पर लोक मैथिली मे खूब टिपिया रहल छथि।
फेसबुक पर त पैघ संख्या मे मैथिली मे लिखनिहार मौजूद छथि। पड़ोसी देश नेपाल एहि मे हमरा सब स किछु आगू अछि। आहि ठामक निवासी जे फेसबुक पर उपस्थित छथि, ओ सब मैथिली मे अपन गप लिख रहल छथि। मैथिली क ऑनलइन प्रसार पर गप करबाक दौरान एहन वेबसाइट्स क नजरअंदाज नहि कैल जा सकैत छैक।
फेसबुक आओर अन्य सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर लोग गपशप क अलावा मैथिली लेल अभियान सेहो चला रहल छथि। कतैक रास समूह छै, जे मैथिली आओर मिथिला विषय पर केंद्रित छै। फेसबुक पर ‘मैथिली लिखबा मे गर्व महसूस करू’ नाम स एकटा समूह छै, जकर एहन धरि 73 टा सदस्य भ चुकल छै। एहि ठाम खूब चर्चा होएत छै जे आखिर ऑनलाइन दुनिया मे मैथिली क प्रसार कोना कैल जाए।
ऑनलाइन मैथिली क प्रसार मे कंप्यूटर विज्ञान क विशेषज्ञ सेहो जुटल छथि। एकरे परिणाम अछि जे आब मैथिली क ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) बनि गेल अछि। फेडोरा, जे लिनक्स क एकटा लोकप्रिय वितरण छै, आब मैथिली भाषा मे ओएस जारी क रहल अछि। मैथिली क ओएस बनेबा लेल एखन धरि करीब दस लाख शब्द अनुवाद कैल गेल अछि।
ऑनलाइन दुनिया मे मैथिली क बढ़ैत धाक क पाछु लोकक कहब अछि जे अपन गप अपन भाषा मे लिखबाक आनंद किछु आओर होएत छै। तमाम सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स आ पोर्टल पर मैथिली मे चर्चा हिंदी या अंगरेजी मे भ रहल चर्चा क बीच एहि भाषा कए नव जीवन द रहल अछि। एकरा आओर समृद्ध करबाक क जरूरत छै। खासकर तकनीक संबंधी चर्चा मैथिली मे बेसी स बेसी करबाक जरूरत छै, जाहि स एकर तकनीकी शब्द मे बढ़ोतरी भ सकए।