कोसी पर तैयार भेल महासेतु स मिथिला मे जे उत्साह अछि ओकरा रेखांकित करैत वरीय पत्रकार रंजीत कुमार अपन एहि रिपोतार्ज मे किछु आशंका क संग कोसी पर विश्वास कए पुनर्स्थापित करबाक कोशिश केलथि अछि। – समदिया
” सोहन जादव के ममहर (मां का गांव) भी ओही पार में था। बचहन (बचपन) में सोहना एक बेर गिया था अपन ममहर, जब ओकर नानी का नह-केस (श्राद्ध कर्म) था। लोग कहते हैं जिस साल सोहना की नानी मरी थी वोही साल कोसी मैया खिसक गयी थी। सब रास्ता-बाट बंद हो गिया और फेर केयो नै जान सका कि सोहना के मामा लोग कहां पड़ा गिये। हमर कका (पिता जी) कहते थे कि जब कोसी नहीं आयी थी, तो ई गांव के चैर आना (25 प्रतिशत) कथा-कुटमैत उधरे था, दैरभंगा (दरभंगा) जिला में। बान्ह टाढ़ होने के बाद तो पछवरिया मुलुक (पश्चिमी इलाका) से हम लोगों के आना जाना समझिये साफे बंद था। नेपाल होके आवत-जावत तो मातवरे लोग कर सकते हैं। आब पुल बइन जायेगा, तो फेर सें टुटलका नता-रिश्ता पुनैक जायेगा।”
लगभग 70-72 साल क वृद्ध दुखमोचन मंडल जखन इ सब कहि रहल छलाह, त हुनकर चेहरा पर जहन उत्साह छल आओर आंखि मे अजीब तरह क चमक छल, एहन चमक आब आम किसानक आंखि स गायब भ चुकल अछि। पहिने दुखमोचन कए विश्वास नहि होइत छल, मुदा आब ओकरा यकीन भ गेल अछि जे कोसी पर महासेतु बनाउल जा सकैत अछि। हाल तक ओकर धारणा छल जे कोसी क दूनू कछैर कए जोडल नहि जा सकैत अछि।
सुपौल जिलाक सरायगढ़ स्टेशन स उतरलाक बाद पश्चिम दिस अगर नजरि दी त शायद अहां कए सेहो विश्वास हुए लागत जे एहि ठाम कोनो ऐतिहासिक निर्माण कार्य चलि रहल अछि। कोसी क पूर्वी बांध पर पहुंचलाक बाद महासेतु क महापाया सब साफ-साफ देखाइत अछि। अधिकारी क कहब अछि जे पुल लगभग तैयार अछि, जनवरी तक आवाजाही शुरू भ सकैत अछि। एकर संगहि केंद्र सरकार क महत्वाकांक्षी पश्चिम-पूर्वी कोरिडोर सड़क योजना क मिसिंग लिंक सेहो रीस्टोर भ जाएत। द्वारिका स गुवाहटी, दिल्ली स सिलीगुड़ी तक सीधा बस या ट्रेन सेवा भ सकत, बिना कोनो घुमाव या मेकशिफ्ट कए। सुपौल, अररिया, मधेपुरा, पूर्णिया, दरभंगा, मधुबनी मे एहन गप खूब सुनबा मे भेटैत अछि। नेता-अधिकारी स ल कए हलवाहे-चरवाहे तक काइ काल्हि महासेतु क गुण गाबि रहल अछि। मन कहैत अछि जे हमहूं हुनकर हां-मे-हां मिला दी, मुदा दिमाग रोकि लैत अछि। कोसी क सीने पर अंगद क पैर क भांति जमाउल गेल लोहा-कांक्रिट क विशालकाय पाया सेहो हमरा भरोस नहि दिया पाबि रहल अछि। अभियंता क दावा अछि जे इ पुल कोसी क 15 लाख क्यूसेक पानी कए बर्दाश्त करि सकत। चूंकि पिछला 20-30 साल मे कोसी मे इएबा पानी कहियो नहि आयल, एहि लेल हुनकर गप मानि लैत छी जे एहि पुल कए पानी स कोनो समस्या नहि होएत। कोसी लाख यत्न करि लिये, पुल ओकर आंचर नहि छोडत आ टिकल रहत। मुदा जखन हमर मन मे सवाल उठैत अछि जे अगर कोसी इ पुल कए छोडि देलक, त ? एहि सवाल क जवाब अभियंता लग नहि अछि। हालांकि ओ सुस्त स्वर मे कहैत छथि एहन आब आसान नहि। मुदा जे कुसहा क कटाव कए देखने अछि, जे कोसी क तलहटी कए नपने अछि ओकर कहब अछि – “कोसी त आब धारा बदल कए रहत।” ओहन हालत मे पुल त ठार रहत, मुदा ओकर प्रासंगिकता नहि बचत। हम इ पता लगेबाक कोशिश कैल जे की कोसी महासेतु क पीपीआर या डीपीआर कए तैयार करबा काल महान अभियंता सब एहि पहलू पर विचार केने छलाह। जवाब नहि भेटल। दरअसल, पुल क डीटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनेबाक दौरान एहि पहलू कए साफ तौर पर नजरअंदाज करि देल गेल जे नदी धारा बदलैत रहल अछि आ आगू सेहो बदलि सकैत अछि। गौरतलब अछि जे जखन कोसी महापरियोजना कए स्वीकृति भेटल छल, तखन कोनो इंजीनियर या सलाहकार सरकार क सामने इ सवाल नहि उठेलक। आब जखनकि पुल पर 400 करोड़ टका खर्च भ चुकल अछि, त भला के एहन अटपटा सवाल पूछत। ओ तखन जखन पूरा इलाका पुल गान मे मस्त अछि। पुल क संगहि पूर्णिया स दरभंगा तक चारि लेन सड़क आ रेलवे ट्रैक क निर्माण मे जे राशि खर्च भेल अछि या हेबाक अछि ओकरा जोडि त बजट हजार करोड़ तक पहुंच जाइत अछि। नीक रहति अगर योजना क डीपीआर मे कोसी क धारा परिवर्तन पर सेहो विचार करि लेल जाइते। इ काज नहि भ सकल। संगहि पुलक एप्रोच पुल सेहो कम करि देल गेल, एहन मे आब एहि परियोजना क सार्थकता कोसी क रहमो-करम पर निर्भर करत। आउ हम सब मिलकए कोसी माई स गुहार करि जे ओ अपन बाट नहि बदलथि। नैहर जेबाक जिद छोडि दैथि। साठ वर्षों स दू हिस्सा मे विभाजित मिथिला कए फेर स एक करि दथि।
khushike ke vaat aichi…
e pulak chalu bhela k baad aadi kaal sa ek Mithila je aaj du bhag me vibhajit aichh sa sanskritk aa bhautik roop sa ek bha jayat. Aau ham sab milke Kosi Mai se prarathna kari je e pul ka sarthak banae.
Bahut khusi ke gapp je antatah kosi mahasetuk nirman antim charan me achhi. Kosi mahasetuk naamkaran Mithilak kono vibhutik naam par homak chahi. Vidyapati, Lalit Narayan Mishra athva dunu dishak mithilak kono aur mahan vyakti bha sakait chhathi.
एहि समादक लेल बहुत बहुत धन्यवाद . आब मिथिला बांटल नहि रहत. पूर्ण मिथिला जय मिथिला .
एहन सुन्दर इ समाद के बनावो के लेल हम किनका धन्यबाद दिया