प्रितिलता मल्लिक
पटना। पूर्व राष्ट्रपति डा.एपीजे अब्दुल कलाम एक बेर फेर बिहार कए समृद्धि ब बाट देखबैत कहला जे स्मार्ट वाटरवे राज्य मे खुशहाली आनत। एहि स नहि केवल बाढ़ स होइवाला तबाही रुकत, बल्कि सिंचाई क्षमता मे कई गुना वृद्धि होएत। ओ बिहार विधान परिषद शताब्दी व्याख्यानमाला क शुरुआत करि रहल छलाह। डा.कलाम कहला-राष्ट्रपति क हैसियत स 2006 मे हम जखन बिहार एलहुं छल, तखन हम विधानमंडल क संयुक्त सत्र कए संबोधित करैत प्रदेश क उन्नति क लेल दस मिशन बतेने रही। आइ हम फेर एकटा संदेश दिए जा रहल छी। हम बिहार क जनता कए एकटा एहन समाधान मुहैया करेबाक प्रयास करि जे निरंकुश बाढ़ क पानी कए स्मार्ट वाटरवे (सुव्यवस्थित जलमार्ग) क रूप मे परिणत करि सकए। गंगा क मध्य तल समुद्र तल स 70 मीटर ऊंच अछि, जखनकि उत्तरी आ दक्षिणी कछार क भूमि समुद्रतल स 100 आ 300 मीटर ऊंच अछि। ऊंचाई क एहि भिन्नता क कारण गंगाजल क इस्तेमाल बिहार मे सिंचाई क लेल नहि भ सकैत अछि। समाधान इ अछि जे ऊंच तल क लाभ उठा एकटा जलमार्ग विकसित कैल जाए। गंगा क सहायक नदी क जल कए नियंत्रित करि सिंचाई आ पेयजल मे इस्तेमाल कैल जाए। गंगा पश्चिम स पूर्व दिस, उत्तर क दिस स घाघरा, गंडक, बागमती, करचा आ कोसी आओर दक्षिण दिस स सोन, पुनपुन, फल्गू, धाधर आ बदुआ क प्रवाह अछि। कई दिशा स प्रवाह क कारण जल क कनिको संरक्षण नहि होइत अछि आओर सबटा जल समुद्र मे चल जाइत अछि। हमर अनुसार स कोसी क प्रवेश स्थान पर परतदार ईनार क निर्माण स प्रवाह क गति रुकत । स्मार्ट वाटरवे बनेबा लेल ओ पांच सूत्री फार्मूला सेहो बतेलाह। कहला जे प्रोजेक्ट रिपोर्ट तीन माह मे तैयार हुए आओर नीक रहत जे मुख्यमंत्री स्वयं एहि योजना क गवर्निग काउंसिल क अध्यक्षता करथि। डा.कलाम क मुताबिक एकर निर्माण स 50 लाख एकड़ मे सिंचाई भ सकत, संगहि 1000 मेगावाट बिजली क सेहो उत्पादन होएत। अमेरिका क ओहियो मे इ सफल प्रयोग भ चुकल अछि। एकर अलावा प्रदेश कए कृषि, खाद्य प्रसंस्करण आ पर्यटन पर ध्यान देबाक अलावा ऐतिहासिक स्थल कए जोड़बा लेल बिहार मेट्रो सेवा आरंभ करबाक चाही। व्याख्यानमाला क आरंभ मे बिहार विधान परिषद क सभापति ताराकांत झा पूर्व राष्ट्रपति क स्वागत करैत कहा जे इ हमरा लेल गर्व क गप अछि जे डा.कलाम क लेक्चर स एहि व्याख्यानमाला क शुरुआत भ रहल अछि।