पटना। राष्ट्रीय औसत स कम सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) वाला प्रदेश क शैक्षिक रूप स पिछड़ल 25 जिला मे माडल कॉलेज खोलबाक प्रस्ताव कए वित्त विभाग हरी झंडी द देलक अछि। प्रत्येक पर आठ करोड़ क लागत आउत। इ सबटा कॉलेज अंगीभूत होयत आ पांच साल क उपरांत एकरा स्वायतता देबाक प्रस्ताव अछि। मॉडल हेबाक तात्पर्य इ अछि जे एहि मे व्यावसायिक शिक्षा पर अधिक जोर रहत।
केन्द्र प्रायोजित योजना क तहत देश क 374 शैक्षिक रूप स पिछड़ल जिला मे जतय जीईआर कम अछि, ओहि ठाम डिग्री कॉलेज खोलबाक अछि। प्रदेश क 38 मे स 25 जिला शैक्षिक रूप स पिछड़ अछि, जाहि ठाम सकल नामांकन अनुपात 12.4 क राष्ट्रीय औसत स कम अछि। पिछला माह मानव संसाधन विकास विभाग क प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह एहि संबंध मे दिल्ली मे आयोजित बैठक मे भाग लेने छलाह। एहि माडल कॉलेज मे स प्रत्येक क स्थापना पर राज्य सरकार 5.33 करोड़ आ केन्द्र सरकार 2.67 करोड़ क राशि देत। प्रत्येक कॉलेज पर हर वर्ष होइवाला 1.5 करोड़ क रेकरिंग खर्च क वहन पूर्ण रूप स राज्य सरकार करत। वित्त विभाग राज्य सरकार क दिस स एहि 25टा कॉलेज क स्थापना आ संचालन मे खर्च होइवाला राशि कए मंजूरी द देलक अछि। ओहन जिला मे जाहि ठाम अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति आ अनुसूचित जन जाति क कुल संख्या जिला क कुल आबादी क 20 प्रतिशत स बेसी अछि, ओहि ठाम इ कॉलेज पहिने खोलल जाइत। किशनगंज , अररिया , शिवहर (6 प्रतिशत), पश्चिम चंपारण (6.3 प्रतिशत), सुपौल(6.7 प्रतिशत), पूर्वी चंपारण (6.9 प्रतिशत), जमुई (6.9 प्रतिशत), सीतामढ़ी (7.1 प्रतिशत), गोपालगंज (7.5 प्रतिशत), कटिहार (7.5 प्रतिशत), मधेपुरा (8.3 प्रतिशत), बांका (8.4 प्रतिशत), समस्तीपुर (8.8 प्रतिशत), पूर्णिया (8.9 प्रतिशत), खगडिय़ा (9 प्रतिशत), लखीसराय (10.1 प्रतिशत), नवादा (10.4 प्रतिशत), सिवान (10.4 प्रतिशत), सहरसा(10.06 प्रतिशत), मधुबनी(10.7 प्रतिशत), कैमूर(11.2 प्रतिशत), दरभंगा(11.3 प्रतिशत), बेगूसराय(12 प्रतिशत), औरंगाबाद(12.2 प्रतिशत) आ वैशाली(13.3 प्रतिशत जीईआर) मे इ कॉलेज खोलल जाइत।