पटना । सरकार राज्यक करीब साढ़े पांच हजार पोखरि क कायाकल्प क योजना तैयार केलक अछि। कुल 28 हजार पोखरि मे स 5400 परती अछि। एहि मे नहि त पाइन अछि आ अछि त माछ पोसबा योग्य नहि। एहन स्थिति मे सरकार कए एहि पोखरि सब स एकटका क आमदनी नहि भ रहल अछि। संगहि जल प्रबंधन पर सेहो प्रतिकूल असर पडि़ रहल अछि। सरकार नरेगा क माध्यम स जल्द एकर जीर्णोद्धार करा मछलीपालन क शुरू करत। एकरा लेल 135 करोड़ क राशि स्वीकृत भ गेल अछि।
पशु आ मत्स्य संसाधन विभाग क प्रधान सचिव अमिताभ वर्मा क पहल पर राज्य क सबटा परती पड़ल जलाशय क जल्द स जल्द जीर्णोद्धार करबाकनिर्णय लेल गेल अछि। विभागीय निदेशक निशाद अहमद क कहब अछि जे मत्स्य उत्पादन कए बढ़ावा देबा लेल जलक्षेत्र मे वृद्धि क संग-संग कई योजना चलाउल जा रहल अछि। वर्तमान मे सूबा मे तीन लाख टन माछ क उत्पादन भ रहल अछि, जखन कि मांग साढ़े पांच लाख टन क अछि। अधिकांश माछ आंध्र प्रदेश स आयात भ रहल अछि। उत्पादन बढ़ेबा लेल किसान कए अत्याधुनिक तौर तरीका क जानकारी देल जा रहल अछि। दू दर्जन स बेसी हैचरी बनाउल गेल अछि। एकर अलावा निजी क्षेत्र मे सेहो पोखरि क निर्माण पर जोर देल जा रहल अछि। राज्य मे पहिल बेर माछ क चारा क लेल पचास फीड लगेबाक तैयारी चलि रहल अछि। प्रत्येक फीड मिल क लागत 12 लाख अछि, सरकार 25 प्रतिशत क अनुदान द रहल अछि।