“बालोऽहं जगदानन्द ! न मे बाला सरस्वती । अपूर्णे पञ्चमे वर्षे वर्णयामि जगत्त्रयम् “ शंकर मिश्र क एहि अनमोल वचन कए चरितार्थ करबा लेल मिथिला मे मानू होड़ सन लागल रहैत अछि। प्रतिभा कोनो उम्र, धन आ समय क मोहताज नहि होइत अछि। एकर सबस पैघ उदाहरण मिथिला मे देखबा लेल भेटैत रहल अछि। एहि कडी मे एकटा नाम अछि “देवानानंद झा”। मैथिली क एहि उदियमान गायक कए आइ सम्पूर्ण मिथिला नहि बल्कि संपूर्ण भारत जनैत अछि। महज दस वर्ष मे संगीत क माध्यम स लोक क बीच लोकप्रिय भ चुकल एहि गायक स इसमाद लेल सुनील कुमार झा आ नीलू कुमारी विस्तार स चर्च केलथि। प्रस्तुत अछि ओकर किछु खास अंश।
प्रश्न – दस वर्ष मे अहां संगीत क क्षेत्र मे अपन उपस्थिति दर्ज करा देलहुं, कोना, कोनो खास कारण।
उत्तर – कोनो खास कारण नहि, हम अपनो इ सोचि हैरान भ जाइत छी। सच कहू त हमर खानदान मे आइ धरि कियो नहि क्षेत्र मे नहि आयल अछि। नैनपन मे स्कूल जाइ त ओहि ठाम शनिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम होइत छल, ओहि मे हम गीत पहिल बेर मंच पर गेलहुं। एहि प्रकार स हमर संगीत यात्रा शुरू भ गेल।
प्रश्न – अहांक पहिल कैसेट कहिया रिलीज भेल आ केहन लागल अहां कए।
उत्तर – केहन कए त सवाल नहि छल, महज दस वर्ष मे एक संग कोनो गायक क तीनटा कैसेट निकलब निश्चित रूप स गर्व क गप अछि। हमर तीनू कैसेट लोकप्रिय सेहो भेल। गै छौरी जुल्फी वाली (लोकगीत), भंगपिसना ( भोला बाबाक गीत) आ विनती सुनियो मैया हमार ( भगवती गीत) स लोक हमरा बहुत स्नेह देलक। एहि मे गै छौरी जुल्फी वाली बेसी हिट कहल जा सकैत अछि। पहिने एकर मात्र ऑडियो वर्जन रिलीज भेल छल, मुदा दर्शक क मांग पर एकर वीडियो सेहो बाजार मे आनल गेल।
प्रश्न – अहां पर मैथिली मे अश्लीलता अनबाक आरोप लगैत अछि।
उत्तर – देखू, मैथिली मे अश्लीलता आ फूहड़ता क कोनो जगह नहि अछि। इ त पश्चिम क प्रभाव थीक जे हमर संस्कृति कए प्रभावित क रहल अछि। असल संगीत मे फूहड़ता क कोनो जगह नहि होइत अछि, मुदा दर्शकक मांग क नाम पर किछु गीतकार आ संगीत निर्देशक एकरा बढाबा द रहल छथि।
प्रश्न – अहांक हिसाब स मैथिली मे अश्लीलता मार्केट क डिमांड छी।
उत्तर – नहीं, एहन कोनो गप नहि अछि। जहाँ धरि फूहड़ता आ अश्लीलता क सवाल अछि त इ मंच क अनुसार तय होइत अछि, मुदा हम हरदम कोशिश करैत छी जे अश्लीलता कए बढाबा नहि दी। ओना आजुक युवा एहि स बेसी आकर्षित भ रहल छथि। संगीत आब सिर्फ कला क वस्तु नहि रहि गेल अछि आब इ पूर्ण रूप स व्यापार बनि चुकल अछि त बाजार क अनुसार चलब मजबूरी सेहो अछि।
प्रश्न – मंच पर अहां केकरा प्राथमिकता दैत छी, संगीत कए या अश्लीलता कए।
उत्तर – जहाँ धरि मंच क गप अछि त हम हरदम यैह चाहैत छी जे भगवती गीत स शुरुआत करि आ ओकर बाद किछु विद्यापति क भजन सुना दी। फेर दर्शक क मांग क अनुसार लोकगीत। मुदा अश्लील आ फूहड़ गीत हमर प्राथमिकता कहियो नहि रहल। हम एक प्रकार स ओकर सख्त विरोध करैत छी। ओना मंच क अनुसार कलाकार कए बदलबाक मजबूरी त होइत आयल अछि। हम सेहो ओहि स अलग नहि छी। मुदा हमर कोशिश यैह रहैत अछि जे एहन किछु नहि करि जे अपने नजरि मे खसि जाए।
प्रश्न – संगीत क विधिवत शिक्षा कतए स लेलहुं।
उत्तर – संगीत क विधिवत शिक्षा हम उस्ताद जौहर अली खान स लेलहु अछि। चारि-पाँच साल स हम दिल्ली मे छी आओर एहि ठाम गुरु शिष्य परम्परा क अनुसार हुनका स संगीत क विधिवत शिक्षा ल रहल छी।
प्रश्न – संगीत क अलावा आर की-की क रहल छी।
उत्तर – संगीत क अलावा हम दिल्ली विश्वविद्यालय स हिंदी मे स्नातक क रहल छी आ तृतीय वर्ष क छात्र छी। एकर अलावा गन्धर्व विद्यालय स संगीत क शिक्षा सेहो ल रहल छी। एहि मे चारिम साल अछि।
प्रश्न – कोनो एहन क्षण जे नहि बिसरि सकैत छी।
उत्तर – हां, हमर पहिल सीडी लॉंच भेल छल। ओ दिन हम नहि बिसरी सकैत छी। एकर अलावा अक्टूबर 2011 सेहो बिसरब कठिन अछि। दिल्ली मे ‘सोना भक्ति की आवाज’ नामक टैलेंट हंट शो भेल छल, जाहि मे अनूप जलोटा हमरा सम्मानित केने छलाह। विजेता क तौर पर एक लाख टका आ प्रशस्ति पत्र भेटल छल जे हमरा लेल बहुत यादगार अछि।
प्रश्न – इसमाद स गप करबा लेल बहुत बहुत धन्यवाद।
उत्तर – अहां दूनू गोटे कए सेहो बहुत बहुत धन्यवाद।
देवानंद जीकेँ मिथिलाक गौरव छथि मुदा देखल जाइत अछि जे मिथिलाक गौरव लोकनि मैथिलीकेँ बिसरि जाइत छथि हमरा आशा अछि देवानंद जी एहि परम्पराकेँ तोड़ताह आ विद्यापतिक गीतकेँ पुनः मिथिला घर – घर मे पसारताह।
apnek sat-sat naman aich maithili bhasha me apaan yogdan ke lel muda ahi bich me ahank albom naih dekhi dukh seho hoit aich. apnehe sab jakhan chahbai takhane maithili aaga badhtai