मुख्य समदिया
पटना । तेलंगाना क बाद बिहार देश क दोसर राज्य होएत जाहि ठाम बीया क अनुवांशिक गुणवत्ता क जांच भ सकत। एखन इ मात्र हैदराबाद मे होइत अछि। मुदा आब घटिया बीया क जांच आब बिहार मे भ सकत। कृषि वैज्ञानिक अनिल कुमार झा क कहब अछि जे अनुवांशिक गुणवत्ता क जांच स हाइब्रिड बीया मे धोखाधड़ी कठिन भ जाएत। ओ कहला जे एखन बाजार मे जेबा स पहिने बीया कए साधारण जांच क प्रक्रिया स गुजरै पडैत अछि। नब व्यवस्था मे ओकर अनुवांशिक गुणवत्ता क जांच सेहो होएत। एकरा लेल राज्य सरकार तीन टा फिंगर प्रिंट लैब बना रहल अछि। दू टा फिंगर प्रिंट लैब त पटना में होएत, मुदा तेसर लैब भागलपुर मे बनत। पटना क दूनू लैब मीठापुर मे बनत। दूनू लेल मशीन सब आबि गेल अछि। अनुबंध क आधार पर किछु विशेषज्ञ क बहाली सेहो कैल गेल अछि। उम्मीद जे अगिला मौसम स इ काज करै लागत।
एहि लैंब क खास गप इ होएत जे बीज क जे नब वैरायटी आउत, ओकर डीएनए सेहो इ लैब मे होएत, जे उत्पादक जे किस्म क बीज क उत्पादन क दावा करत, ओकर डीनए क मिलान लैब मे ओहि वैरायटी क डीएनए स कराउल जाएत। सही निकलला पर ओकरा आहि किस्म क नाम स बाजार मे बेचबाक अनुमति भेटत।
उल्लेखनीय अछि जे बिहार क किसान निजी कंपनी क बीज ल अक्सर ठगा जाइत छथि। दू साल पहिने एहन शिकायत पर राज्य सरकार कए लगभग 62 करोड़ बतौर मुआवजा देबए पडल छल। एखन बिहार मे 09 लाख टन गेहूम, 02 लाख टन धान, 01 लाख टन मक्का आ 15 हजार टन दलहन क बीया क जरुरत अछि।