सहरसा । प्रायः विधिक काज लेल संपूर्ण विहार मे हिन्दी वा अंगरेजी क प्रयोग होईत अछि । २००२ ई मे , अष्टम अनुसूची मे मैथिली के स्थान भेटला क बादो एकर प्रयोग विधि सहित कोनो सरकारी काज मे नहि भेल छल। संविधान क प्रावधान क अनुसार संविधान क अष्टम सूची मे शामिल कोनो भाषा में कानूनी प्रक्रिया पूरा कयल जा सकैछ। सोम दिन सहरसा क स्थानीय न्यायालय मे मैथिली के ई सौभाग्य प्राप्त भेल।ध्यातब्य अछि जे जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अजय नाथ झा क न्यायालय मे अधिवक्ता श्री आदित्य ठाकुर अपन मुअक्किव क जमानत याचिका क आवेदन मैथिली मे तैयार कय न्यायालय मे प्रस्तुत कयलन्हि जे कोर्ट द्वारा स्वीकृत भेल आ वहस ,सुनवाई सेहो मैथिली मे भेल।
मैथिली मे देल गेल अावेदन सिमरी बख्तियारपुर थाना मे दर्ज एक मामिला मे जमानत से संबंधित छल। सुनवाई मे दुनू पक्ष मे खूब वहस भेल जकर सुनवाई पश्चात न्यायाधीश स्वीकृत कयलन्हि। फैसला से न्यायालय मे दोहरी खुशी , एक त जमानत भेटबाक दोसर मैथिली मे आवेदन स्वीकार करब , सबहक मुँह पर पसरल छल।
बहस मे अधिवक्ता हरिशेखर मिश्रा, पूनम वर्मा, शिवशंकर य़ादव, रंधीर सिंहा, अमरनाथ झा राजू सम्मिलित छलाह।
मैथिली क विकास हेतु अधिवक्ता श्री अदित्य ठाकुर आन्दोलनरत छैथ. ओ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आविद्यार्थी परिषद क आजीवन सदस्य छथि।