अशोक कुमार
बिहार मे आब शराब पीनिहार कें जेबी मे पचास हजार टाका राखय पड़तैन अन्यथा तीन मासक लेल जेल जाय पड़तैन। आई विहार विधानसभा विहार मद्य निषेध एवं उत्पाद संशोधन विधेयक २०१८ पास कय पूर्ववर्ती नियम में संशोधन कयलक। बिहार मे सुखाड़क स्थिति पर विधानसभा मे कार्यस्थगन प्रस्ताव केँ मंजूर करबाक माँग पर विपक्षी सदस्य सब सदन क वायकाट कयलनि आ हुनक अनुपस्थिति मे सदन एहि कानून केँ मंजूरी देलक।एकर अंतर्गत पहिल बेर दारू पीबैत पकड़यला पर पचास हजार टाका जुर्माना वा तीन मास जेल क प्रा्वधान अछि। दोसर बेर पकड़यला पर एक लाख टाका जुर्माना अथवा एक वर्ष जेल क प्रावधान कैल गेल अछि। शराब पीबि हिंसा हंगामा कैला पर एक लाख टाका जूर्माना क संग पाँच वर्षक सजाय क प्रावधान कैल गेल अछि ।
एहि संशोधित नियम क अंतर्गत शराब पकड़यला पर वाहन, मकान केँ जब्त नहि कयल जायत आ परिवार क अन्य सदस्य केँ कोनो सजाय नहि होयतनि।अर्थात दोषी फंसत निर्दोष बचत विधानसभा में एहि विषय पर मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार विश्वास जनौलनि जे एहि सुधार संँ शराब बंदी केँ आओर मजबूती भेटतैक। ओ जनौलनि जे शराब बंदी से राजस्व क्षति नहि भेल अछि। २०१५-१६ मे पाँच हजार करोड़ टाकाक क्षति भेल त २०१६-१७ मे एक हजार करोड़ टाकक बचत भेल जाहि सँ क्षतिपूर्ति भगेलैक। यद्यपि श्री कुमार क एहि वक्तव्य केँ विपक्ष हास्यास्पद कहलनि।
विधानसभा परिसर में पत्रकार लोकनि एहि संशोधन विधेयक पर विभिन्न प्रतिक्रया व्यक्त करैत छलाह।हुनक कथन छल जे आर्थिक नुक्सान जे हो पियाक जेल यात्रा से बचता।विपक्षक आरोप जे शराब बंदी से सबसे अधिक नुकसान दलित केँ भेलैन, कुंद होयत। एक पत्रकार रोचक गप्प कहलनि जे हुनक एक पड़ोसी भरि जीवन बिन टिकटे रेल यात्रा कयलनि जे पकड़यला पर जेबीक गर्मी सँ टी टी, मजिस्ट्रेटक मुँह बन्द कय देबैक। परन्तु ई कतेक व्यवहारिक होयत। एता वेता ई अवश्य जे टाका रहला पर जेल नहि जाय पड़तैक आ निर्दोष स्वजन केँ कोर्टक चक्कर नहि लगबय पड़तैन। परन्तु लाख टाका क प्रश्न जे ई काज पहिने कियैक नहि भेल।आगत चुनाव त कारण नहि!
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अनुदित – विनीत ठाकुर
लेखक कशिश न्यूज मे वरीय पत्रकार छथि।