मधुबनी। अषाढ़ शुक्ल पक्ष पूर्णिमा क दिन सर्वत्र गुरू पूर्णिमा क रूपेँ मनाओल जायत तs संगहि शताब्दी क सबसँ दीर्घकालिक चंद्र ग्रहण राति मे देखल जायत। मिथिलांचल सहित संपूर्ण भारत मे शुक्र क राति लगभग चारि घंटा क पूर्ण चंद्रग्रहण देखायत। ज्योतिष, खगोलविद क अनुसारेँ एहन योग १०४ वर्ष बाद आयल अछि।शुक्रक मध्य रात्रि लगभग ११ बाजि ५५ मिनट से प्रारम्भ भय उतरार्द्ध ३ बाजि ४९ मिनट पर ग्रहण समाप्त होयत।
ज्योतिष शास्त्र क अनुसार ग्रहण जाहि राशि मे घटित होईछ ओहि राशि पर कुप्रभाव पड़ैत छैक। ई ग्रहण उत्तर आषाढ़ आ श्रावण मास क मकर राशि मे घटित होयत तेँ मकर राशि क व्यक्ति केँ विशेष ध्यान राखव आवश्यक। ई ग्रहण क प्रभाव मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक,मीन राशि क लेल शुभकारी अछि त वृष,मिथुन,कन्या,तुला,धनु मकर आ कुम्भ राशि क लेल कष्टकारी अछि।
ग्रहण क समय गर्भवती महिला,पशु आ नेत्र विकार पिड़ीत के ग्रहण नहि देखबाक चाही। ग्रहणक समय भोजन,शयन,गोदोहन,हलचालन, मंदिर मे पूजा पाठ वर्जित अछि। ग्रहण क कुप्रभाव से बचबा हेतु घर में जप ध्यान, दान – पुण्य विहित अछि। मान्यता अछि जे एहि समय मे कयल गेल दान अनन्त फलदाई होईछ।