मधुलता मिश्रा
पटना । राजधानी के करबिगहिया थर्मल पावर स्टेशन परिसर में वर्ष 2023 तक विश्व के चारिम और देश के पहिल ,पावर म्यूजियम कॉम्प्लेक्स लगभग 5.5 एकड़ में बनत ,एकर निर्माण बिहार स्टेट पावर होल्डिंग लिमिटेड कराओत ।निर्माणक जिम्मेदारी रोडिको कंसल्टेंट्स के देल गेल अहि ।
कहलजा रहल अहि की छह मेगावाट उत्पादन करय वाला ई पावर स्टेशन 1984 ई में बंद क देल गेल छल ।ई प्रोजेक्ट माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के महत्वाकांक्षी परियोजना में स एक अहि ।2018 में बिहार केबिनेट के करबिगहिया थर्मल पावर स्टेशन के पहिले एनर्जी पार्क बनेबाक बिचार भेल छल ।
एकर बाद एकरा पावर म्यूजियम कॉम्पलेक्स के निर्माणक प्रस्ताव पारित भेल ।भेटल जानकारी के अनुसार अहि म्यूजियम कॉम्पलेक्स के निर्माण कार्य अगला साल मार्च स शुरू हौयत और 2023 तक बनी क तैयार भ जयत ।अहि पर लगभग 200 करोड़ रुपयाक खर्च हैत ।अहि के बनलाक बाद दुनियां भरी स लोग अहि बिहारक धरोहर के देखबा लेल एता ।
इलेक्ट्रिकल सुपरिटेंडेंट इंजीनियर नंद शर्मा जी बतयलयथ की करबिगहिया थर्मल पावर स्टेशन लगभग 90 साल पुरान अहि ।अहि यूनिट के स्थापना 1930 में भेल छल ।पटना इलेक्ट्रिक सप्लाई के कम्पनी हौयत छल ।
एकटा यूनिट पटना त एकटा कलकत्ता इलेक्ट्रिक सप्लाई कम्पनी छल।ई पावर स्टेशन राज्य सरकार 1910 के तहत निबंधित छल ।ई पावर स्टेशन छोट छल लेकिन बहुत महत्व राखयत छल ।बिजली एतय स तयार भ पटना नगर के आसपास सप्लाई हौयत छल ।
खासक राजभवन ,ऑल इंडिया रेडियो (आकाशवाणी ) और अन्य प्रमुख सुविधाक लेल स्थानीय अस्पताल ,पटना एयपोर्ट और रेलवे स्टेशन के बिजली सप्लाई होयत छल ।बिहार सरकार 1984 में ई थर्मल पावर स्टेशन के बंद क देने छल ।करबिगहिया थर्मल पॉवर स्टेशन के शुरुवात में पांच मेगावाट बिजली के उत्पादन हौयत छल ।
बाद में 1.5लीटर के इजाफा भेल ।बन्द हौय तक छह मेगावाट बिजली के उत्पादन होयत रहल ।उत्पादन के मुख्य साधन कुलिंग वाटर छल । पाइनक लेल परिसर में ही शक्तिशाली बोडिंग लागल छल ।और कोयला रेलवे के माध्यम से लगभग हर दिन पहुँचयत छल ।
लगभग पांच एकड़ में फइलल ई थर्मल पावर स्टेशन में पांच यूनिट बनल छल ।ई बिहारक सबसे पुराना पावर प्लांट में स एक छल।अहि विशालकाय टावर के कुलिंग टावर कहल जयत छल ।एकर ऊंचाई लगभग 42 मीटर अहि।
पटना इलेक्ट्रिक सप्लाई कम्पनी के रजिस्ट्रेशन रद्द भेला के बाद 1976 में बिहार राज्य विधुत बोर्ड एकरा टेकओवर क लेलक ।कंपनी के नाम पटना इलेक्ट्रिक सप्लाई अंडरटेकिंग (पेसू) भ गेल ।लेनिक कंपनी चलेबाक जिम्मेदारी पटना इलेक्ट्रिक कंपनी सप्लाई कंपनी के कर्मचारी के एक साल तक भेटल ।
फिहलाल ,थर्मल पावर प्लांट के कुलिंग टावर और जर्जर इमारत अखनो देखल जा सकैत अहि ।विधुत बोर्ड केन्टीन में कबाड़ भ चुकल सामान स सजा क राखल गेल अहि ।जत अहि ठाम इस्तेमाल भ रहल चाय के बर्तन भी सजा क राखल गेल अहि । करबिगहिया थर्मल पावर हाउस के औपचारिक रूप स करबिगहिया पावरहाउस के रूप में जानल जयत अहि ।नवका ग्रिड सभक निर्माण परिसर में ही कयल गेल अहि ।अहि ग्रिडक जिम्मेदारी दु टा महिला इंजीनियर और 9 टा महिला ऑपरेटर द्वारा सम्भालाल जयत अहि ।एहिठामक सुरक्षा के जिम्मा महिला सुरक्षाकर्मी के हाथ मे रहैत अहि।
1930 में भेल छल करबिगहिया थर्मल पावर स्टेशन के निर्माण । 5.5एकड़ में पसरल ई थर्मल पावर स्टेशन कुलिंग टावर के ऊँचाई लगभग 42 मीटर और गोलाई 30 मीटर छल । पांच टा टरबाइन और पांच बायलर छल ।छह मेगावाट छल बिजली के उत्पादन क्षमता। 1984 स बंद अहि ई पावर स्टेशन ।
ई विश्वक चारिम पावर म्यूजियम हैत ।कला, संस्कृति विभाग के उपनिदेशक (संग्रहालय) अरविंद महाराज जी के कहब अहि की करबिगहिया पावर के क्षेत्र के बिस्तार के देखयत एकरा विश्वक चारिम और देशक पहिल पावर म्यूजियम कहल गेल ।फिलाहल त विश्व मे शंघाई (चीन) ,परमत्ता (ऑस्ट्रेलिया ),व सिडनी (ऑस्ट्रेलिया) में ई पावर म्यूजियम अहि ।जंहा तक देश के सवाल अहि अखन तक कोनों राज्य में पावर म्यूजियम नही अहि । एतय प्राचीन काल स ल क अखन तक बिजली उत्पादन व ओकर उपयोग के क्रमिक रूप में देखयल व बतायल जयत ।अहि में ओपन थिएटर बनत ,जत थ्रीडी के माध्यम स पावर जेनरेशन के इतिहास व समय समय पर पावर सेक्टर में आयल बदलाव से अवगत कराओल जेतये । म्यूजियम भवन में पावर जेनरेशन स संबंधित उपकरण के मॉडल और पुरान उपकरण के विभिन्न जगह स एकत्रित क देखायल जयत ।