पटना। बिहार मे नव वर्ष स ग्रामीण इलाका क सरकारी अस्पताल क संचालन क जिम्मेदारी ग्रामीण क कंधा पर होएत। राज्य सरकार एकरा लेल एकटा समिति गठित करि प्रत्येक पंचायत कए 30,000 स 40,000 टका देबाक निर्णय लेलक अछि। एकरा लेल राज्य मे प्रत्येक गांव मे लोक स्वास्थ्य, परिवार कल्याण आ ग्रामीण स्वच्छता समिति क गठन कएल जा रहल अछि। एहि समिति मे ग्राम पंचायत क पांच सदस्य आ एक नर्स शामिल होएत। समिति सरकार द्वारा देल गेल राशि कए खर्च करत। समिति आवश्यकता पड़ै पर निर्धन आ लाचार मरीज कए इलाज क खर्च सेहो वहन करत। इ समिति क देख-रेख क लेल एकटा निगरानी समिति क सेहो गठन कएल जाएत। राज्य क स्वास्थ्य विभाग क एकटा अधिकारी क मुताबिक राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन क निर्देश क तहत हर गांव मे एहि समिति क गठन अनिवार्य होएत। ओ कहलथि जे जिला स्वास्थ्य समिति प्रति गांव क हिसाब स 10,000 टका देत। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र क प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी पर इ समिति क गठन क भार सौंपल गेल अछि। समिति द्वारा राशि क सदुपयोग क लेल एकटा निगरानी समिति क गठन कएल जाएत, जेहि मे वार्ड आयुक्त, आंगनबाड़ी सेविका आ स्वयंसेवा सहायता समूह क सदस्य कए शामिल कएल जाएत। दोसर ओर, राज्य क स्वास्थ्य मंत्री नंदकिशोर यादव कहलथि जे गांव क प्रत्येक व्यक्ति कए स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करेबाक उद्देश्य स लोक स्वास्थ्य, परिवार कल्याण आ ग्रामीण स्वच्छता समिति क गठन कएल जा रहल अछि। ओ कहलथि जे मलेरिया संग संक्रामक रोग क रोकथाम आ सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करब मे इ समिति द्वारा सरकार क सुविधा होइत। ओ कहलथि जे इ समिति जनवरी स काज करै लागत।
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